कथावाचिका अनुराधा सरस्वती पहुंची गायत्री ज्ञान मंदिर

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। गायत्री जयंती एवं गंगा दशहरा के अवसर पर 10 जून को उत्तर प्रदेश के अयोध्या से बोकारो जिला के हद में कथारा एक नंबर में आयोजित यज्ञ में पहुंची सुप्रसिद्ध कथावाचिका अनुराधा सरस्वती गायत्री ज्ञान मंदिर कथारा पहुंची। इससे पूर्व गायत्री ज्ञान मंदिर में सुबह सात बजे से हीं श्रद्धालुओं ने यज्ञ आयोजित कर गायत्री जयंती एवं गंगा दशहरा मनाया।

इस अवसर पर एक आयोजन ‘अपनों से अपनी बात कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व प्रवक्ता अयोध्या से पधारी प्रखर साधिका व् कथावाचिका अनुराधा सरस्वती ने गायत्री समाज के संस्थापक गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य के संदेशों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने गायत्री समाज का नारा हम बदलेंगे-युग बदलेगा व अपना सुधार संसार क़ी सबसे बड़ी सेवा ही समाज क़ी सच्ची सेवा है पर अपने विचार व्यक्त क़ी। साधिका अनुराधा ने शांतिकुंज से संचालित सप्त आंदोलनों को सफल बनाने का अनुरोध करते हुए व्यसनों से बचने क़ी अपील क़ी।

प्रखर प्रवक्ता अनुराधा सरस्वती ने अच्छे कार्यों को करने क़ी प्रेरणा देते हुए लोगों के आलोचनाओं, दोषारोपण व अवहेलना क़ी चिंता नहीं करते हुए सदैव नेक व गुरुदेव का कार्य करते रहने क़ी अपील क़ी। उनका कहना है कि किसी को वाणी से नहीं आचरण से प्रभावित किया जा सकता है।

घर परिवार के बच्चों पर उनके माता पिता के आचरण व व्यवहार का प्रभाव पड़ता है। शांतिकुंज से प्रकाशित पत्रिका अखंड ज्योति को उन्होंने नियमित पढ़ने क़ी अपील क़ी तथा उससे मिलने वाले लाभ को भी बताया।

कार्यक्रम का संचालन गोमियां प्रखंड गायत्री समाज के संयोजक पंचदेव प्रसाद यादव ने क़ी। इस अवसर पर मुख्य अतिथियों का स्वागत तिलक, चंदन बोडिया उत्तरी पंचायत के पंचायत समिति सदस्य सोना मति देवी व हेमिया देवी द्वारा किया गया।

गायत्री परिवार कथारा की वंदना सिन्हा ने गायत्री महाविज्ञान उपहार स्वरूप अनुराधा सरस्वती को भेंट क़ी। मौक़े पर आरती देवी, शीला देवी, पुष्पा देवी, पुष्पा वर्णवाल, बुलबुल कुमारी, रीता वर्णवाल, कुलवा देवी, सुनीता चौहान, रेखा वर्णवाल, सुधा शर्मा, परमिता देवी, झरी वर्णवाल, ओ. पी गुप्ता, हरि प्रसाद, संतोष कुमार विश्वकर्मा, आदि।

जीतेन्द्र चौहान, चन्द्रभूषण प्रसाद, बलिराम चौहान, भोला नाथ घोषाल, राम बिलास चौहान, लाल बाबू सिंह, राजेश पांडेय, बद्री नारायण पांडेय, काशीनाथ राम का सराहनीय योगदान रहा। यहां हनुमान दयाल सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन कर आगत अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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