ढिबरी युग में जीने को मजबूर ठाकुरा गांव के रहिवासी

शोभा की वस्तु बनकर रह गया है गांव में गिराया गया बिजली का खंभा

प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला (West Singhbhum district) के हद में नोवामुंडी प्रखंड के ठाकुरा गांव के ऊपर टोला के दर्जनों रहिवासी आज भी ढिबरी युग में रहने को मजबूर हैं।

हालांकि इस गावं में बिजली पहुंचाने को लेकर बीते 9 जून को बिजली विभाग द्वारा खंभा गिराया गया है। जिससे स्थानीय रहिवासियों में बिजली पहुंचने की आस जगी है।

जानकारी के अनुसार इस गांव में आजादी के बाद से आज तक बिजली की सुविधा नहीं पहुंची है। इस कारण ग्रामीण ढिबरी युग में जीवन बिताने को मजबूर थे। उल्लेखनीय है कि ठाकुरा गांव जंगल से घिरा हुआ है, जहां हमेशा जंगली जानवरों व विषैले जीव-जन्तुओं का खतरा बना रहता है।

कई बार ग्रामीणों ने गांव में बिजली पहुंचाने की मांग भी की, लेकिन सफलता नहीं मिली। जबकि इसी गांव के मुंडा टोला व विषु टोला में पहले से बिजली की सुविधा थी। दोनों टोला के ट्रांस्फार्मर महीनों से खराब थे। इसे ठीक कराने की मांग ग्रामीण करते रहे, लेकिन ठीक नहीं किया गया था।

पिछले दिनों पंचायत चुनाव से पूर्व ग्रामीणों ने ऊपर टोला में बिजली लाइन लाने व मुंडा तथा विषु टोला का खराब ट्रांसफार्मर बदलने अर्थात बिजली नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाया था। ग्रामीणों की समस्या की जानकारी सांसद गीता कोड़ा व पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा (Chief minister Madhu Koda) को मिलने के बाद उन्होंने सबसे पहले दोनों खराब ट्रांसफार्मर (Transformer) की जगह नया ट्रांसफार्मर ग्रामीणों को उपलब्ध कराया।

साथ ही ऊपर टोला में भी जल्द बिजली पहुंचाने का भरोसा दिया था। इसके बाद ही ग्रामीणों ने मतदान में भाग लिया। अब कहीं जाकर सांसद द्वारा विभाग पर दबाव डालने से गांव में बिजली पहुंचाने हेतु खंभा गिराया गया है।

इससे ग्रामीणों में बिजली पहुंचने की आस जगी है। रहिवासियों ने सांसद गीता कोड़ा व पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के प्रति आभार जताते हुये गांव में जल्द बिजली पहुंचाने की मांग की है।

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