पंचायत चुनाव को लेकर सीमावर्ती ईलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ाने की आवश्यकता-उपायुक्त
एस. पी. सक्सेना/देवघर (झारखंड)। राजकीय श्रावणी मेला के सफल संचालन के लिए सुल्तानगंज से देवघर तक श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा व सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था मिले। दोनों राज्यों के बीच कैसे को-ओर्डिनेशन मजबूत हो, इसके लिए झारखंड एवं बिहार इंटर स्टेट को-ओर्डिनेशन की बैठक 10 मई को देवघर परिसदन में आयोजित की गई।
बैठक में संथाल परगना आयुक्त चन्द्र प्रकाश कश्यप, पुलिस उप महानिरीक्षक संथाल परगना सुदर्शन मंडल, पुलिस उप महानिरीक्षक भागलपुर सुजीत कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक मुंगेर संजय कुमार, जिलाधिकारी बाँका अंशुल कुमार, उपायुक्त दुमका रवि शंकर शुक्ला, उपायुक्त पाकुड़ बरूण रंजन, आदि।
उपायुक्त (Deputy Commissioner) जामताड़ा फैज अहमद के अलावे पुलिस अधीक्षक भागलपुर बाबू राम, पुलिस अधीक्षक बांका अरविंद कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक जमुई शॉर्य सुमन, पुलिस अधीक्षक दुमका अम्बर लकड़ा, पुलिस अधीक्षक देवघर सुबाष चन्द्र जाट, पुलिस अधीक्षक जामताड़ा मनोज स्वर्गीयरी, पुलिस अधीक्षक गोड्डा नाथु सिंह मीणा, कमांडेन्ट एसएसबी दुमका, उप विकास आयुक्त भागलपुर, आदि।
उप विकास आयुक्त देवघर, अनुमंडल पदाधिकारी देवघर व गोड्डा, वन प्रमण्डल पदाधिकारी दुमका, एसीपी पश्चिम बंगाल, डीआरडीए निदेशक परमेश्वर मुण्डा, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी रणवीर कुमार, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं संबंधित विभाग के विभिन्न आलाधिकारी आदि उपस्थित थे।
इस दौरान देवघर जिला (Deoghar district) उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री द्वारा मौके पर उपस्थित सभी आलाधिकारियों का स्वागत करते हुए बैठक की कार्यवाही प्रारंभ की गयी।
बैठक (Meeting) की शुरूआत करते हुए संथाल परगना आयुक्त चन्द्र प्रकाश कश्यप द्वारा बताया गया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य श्रावणी मेला के सफल संचालन को लेकर विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा करना है, ताकि सुल्तानगंज से जल भरने के पश्चात श्रद्धालुओं द्वारा जिन-जिन स्थानों से होकर पैदल यात्रा की जाय, वहां श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध करायी जा सके।
इसके लिए कांवरिया मार्ग में पड़ने वाले सभी जिलों द्वारा आपसी समन्वय स्थापित कर व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाय, ताकि श्रद्धालु सुगमतापूर्वक जलार्पण कर पायें। उन्हें किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना न करना पड़े।
बैठक में संथाल परगना आयुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि श्रावणी मेला के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु देवघर व दुमका आते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड की वजह से दो वर्षों के बाद मेला का आयोजन किया जा रहा है।
ऐसे मे श्रद्धालुओं को व्यवस्थित व सुगमतापूर्वक जलार्पण कराना प्रशासन के लिए एक चुनौतिपूर्ण कार्य है। यहां आगन्तुक सभी श्रद्धालुओं के भीड़ को नियंत्रित करने हेतु पूरे मेला क्षेत्र में कई होल्डिंग प्वाइंट बनाये गये हैं। जहां सभी मूलभूत सुविधाएँ यथा- बिजली, पंखा, शौचालय, मोबाईल चार्जिंग, स्वास्थ्य सुविधा, स्नानागार व पेयजल सुविधा आदि होंगी।
कहा गया कि पूर्व की तरह गर्मी को देखते हुए पेजयल व श्रद्धालुओं के आवासन की बेहतर भी व्यवस्था की जायेगी, जिसके माध्यम से श्रद्धालुओं को गर्मी व थकान से निजात मिलेगी। संथाल परगना आयुक्त द्वारा बतलाया गया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार सूचना तकनीकी को और भी सुदृढ़ किया जायेगा।
आधुनिक सूचना तकनीकी व्हाट्स एप्प में अधिक से अधिक दोनों राज्यो के अधिकारियों को जोड़ा जायेगा, ताकि सूचना मिलते हीं त्वरित कार्रवाई की जा सके। वहीं हॉटलाईन से चौबिसों घंटे दोनों राज्य के आलाधिकारी जुड़े रहेंगे।
बैठक में कहा गया कि सीमावर्ती इलाकों में वायरलेस सिस्टम को और भी दुरूस्त किया जायेगा। वायरलेस की फ्रिक्वेंसी भी इन इलाकों में बढ़ाई जायेगी। साथ हीं संथाल परगना आयुक्त द्वारा बतलाया गया कि सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान व भीड़ नियंत्रण हेतु भागलपुर, बांका के साथ आपसी समन्वय बनाकर कार्य किया जायेगा, ताकि उसके माध्यम से कांवरिया मार्ग के पल-पल की जानकारी का आदान-प्रदान होता रहे।
बैठक के दौरान उपायुक्त दुमका द्वारा बासुकीनाथ मेला से जुड़े विस्तृत जानकारी सभी को दी गयी। साथ हीं श्रावणी मेला के दौरान होने वाले विभिन्न गतिविधियों पर चर्चा करते हुए आपसी समन्वय से मेला के सफल संचालन में योगदान करने की बात कही गयी। वहीं पूरे मेला के दौरान बिहार, पश्चिम बंगाल एवं झारखण्ड के आलाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर शांति व्यवस्था कायम रखी जायेगी।
समीक्षा के क्रम में विभिन्न राज्यों के जिलों से आए वरीय अधिकारियों द्वारा इंटर स्टेट बॉर्डर को-ओर्डिनेशन व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विस्तृत चर्चा की गयी।
बैठक के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के आग्रह पर बिहार से आने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों के छतों पर किसी भी सूरत में श्रद्धालुओं को न बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही गयी। साथ ही उपायुक्त भजंत्री ने कहा कि देवघर मेले में जो जलार्पण की व्यवस्था, रूटलाईनिंग मैनेजमेंट, स्वास्थ्य व्यवस्था, आवासन, पेयजल, आदि।
शौचालय आदि सुविधाओं से सभी को अवगत कराया। आगे उन्होंने कहा कि मेले के दौरान उच्च न्यायालय के निदेशानुसार वीआईपी पूजा की सुविधा नहीं रहेगी, ताकि आम श्रद्धालुओं को मेला के दौरान किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
उपायुक्त भजंत्री द्वारा राजकीय श्रावणी मेला के दौरान आगन्तुक श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुख-सुविधाओं व सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी विस्तृत जानकारी सभी दी गयी। समीक्षा के क्रम में उपायुक्त जानकारी दी गयी कि राजकीय श्रावणी मेला के दौरान पूर्व की भांति इस वर्ष भी मांस-मदिरा की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।
ऐसे में सभी का सहयोग पूर्व की तरह मिलता रहे तो मेला के सफल संचालन में काफी सुविधा होगी। बैठक के दौरान विभिन्न बिन्दुओं के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था पर भी विस्तृत चर्चा की गयी। साथ हीं दोनों राज्यों में सुल्तानगंज से देवघर और सभी कांवरिया पथ पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जायेंगें। इसके अलावे दोनो राज्यों के संबंधित अधिकारी चौबिसों घंटे सम्पर्क में रहेंगें।
बैठक के दौरान त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सफल संचालन के अलावा निष्पक्ष व शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव सम्पन्न कराने के उद्देश्य से झारखण्ड, बिहार व पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में विधि-व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा की गयी।
बैठक में स्वच्छ, शांतिपूर्ण, निष्पक्ष व भयमुक्त वातावरण में पंचायत चुनाव सम्पन्न कराने के लिए विभिन्न एजेंडें पर विस्तार से चर्चा की गयी। बैठक में पंचायत चुनाव को स्वच्छ, शांतिपूर्ण, निष्पक्ष एवं भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराने लेकर विचार विमर्श किया गया।
वहीं नक्सली गतिविधियों के अलावा विधि व्यवस्था संधारण, सीमा सील, अपराधियों की धरपकड़, अपराधियों के बारे में आसूचना का आदान-प्रदान करने, अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाने, अवैध शराब व हथियार की बरामदगी सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श कर आवश्यक निर्णय लिया गया।
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