राज ठाकरे के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 दर्ज

सांगली की अदालत ने जारी किया गैर-जमानती वारंट

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में लाउडस्पीकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मनसे के मुखिया राज ठाकरे ने 4 मई को मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटने की सूरत में दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा बजाने का निर्देश अपने कार्यकर्ताओं को दिया है।

राज के इस आदेश के बाद मुंबई समेत पूरे राज्य में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief minister Uddhav Thakrey) ने भी पुलिस को छूट देते हुए कहा है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए किसी के आदेश का इंतजार न करें। इस बीच मनसे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई है।

औरंगाबाद रैली को लेकर राज पर केस दर्ज

रविवार को औरंगाबाद में हुई मनसे की रैली में नियमों के उल्लंघन के आरोप में राज ठाकरे और इसके आयोजकों के खिलाफ औरंगाबाद के सिटी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है। रैली के दौरान राज ठाकरे पर 16 में से 12 नियमों को तोड़ने का आरोप है। जिसमें भड़काऊ भाषण देने और तय संख्या से ज्यादा लोगों को बुलाने का आरोप है।

पुलिस ने गड़बड़ी के चलते मुंबई में 465 को भेजा शहर से बाहर मुंबई पुलिस ने आईपीसी (IPC) की धारा 149 के तहत राज ठाकरे को नोटिस जारी किया है। मंगलवार को पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, पिछले एक महीने के दौरान शहर की 1144 मस्जिदों में से 803 ने नियमानुसार लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति ले ली है।

मुंबई पुलिस ने राज ठाकरे के अल्टीमेटम को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार, बुधवार 4 मई को मुंबई में हंगामा करने के लिए और अशांति फैलाने के लिए बाहर से लोग आने वाले थे। इसलिए पुलिस ने मंगलवार को 855 लोगों को धारा 149 के तहत नोटिस दिया है।

इनमें से 465 लोगों को CRPC 144 के तहत 15 दिन के लिए मुंबई से बाहर भेजा गया है। वहीं 94 लोगों को CRPC 151 के तहत पुलिस हिरासत में लिया गया है। धारा 153 के तहत 86 लोगों को कोर्ट में पेश किया गया। अब कोर्ट तय करेगी की इनको पुलिस हिरासत में भेजना है या जेल भेजा जाएगा।

मस्जिदों के बाहर तैनात रहेंगे RPI कार्यकर्ता

वहीं राज ठाकरे के आवाहन के बाद रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (Republican Party of India) (RPI-A) ने मस्जिदों के बाहर अपने कार्यकर्ताओं को तैनात रहने का निर्देश दिया है। पार्टी चीफ केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि अगर कोई मस्जिद से जबरदस्ती लाउडस्पीकर उतारने का प्रयास करेगा तो हम इसकी रक्षा करेंगे।

राज के खिलाफ यह है आरोप

​​​​​​​औरंगाबाद पुलिस के मुताबिक, सिर्फ 15 हजार लोगों को सभा में मौजूद रहने की अनुमति पुलिस की ओर से दी गई थी, लेकिन एक लाख की क्षमता वाला सांस्कृतिक ग्राउंड खचाखच भरा हुआ था।

राज के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (A) (भड़काऊ भाषण देने) के तहत केस दर्ज किया गया है। इस धारा के तहत तीन साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। यदि यह अपराध किसी पूजा स्थल पर किया जाता है, तो पांच साल तक की सजा और जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

सांगली की अदालत से जारी हुआ गैर-जमानती वारंट
इससे पहले सांगली जिले की शिराला कोर्ट ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट पिछले महीने जारी किया गया था।

इसकी जानकारी मंगलवार को सार्वजनिक हुई है। हालांकि, मुंबई पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन औरंगाबाद में हुई रैली के बाद पुलिस एक्टिव हुई है।

राज ठाकरे के खिलाफ वर्ष 2008 में भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 117, 143 और मुंबई पुलिस अधिनियम की 135 के तहत मामला दर्ज किया गया था। सांगली के मनसे कार्यकर्ता तानाजी सावंत ने मराठी भाषा और मराठी में दुकानों के बोर्ड के मुद्दे पर आंदोलन किया था।

इस दौरान कुछ दुकानों को बंद करने का जबरन प्रयास किया गया। बाद में तानाजी सावंत और पार्टी प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद से मनसे नेताओं की धड़पकड़ शुरू हो गई है।

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