प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। गिरिडीह जिला (Giridih district) के हद में बगोदर थाना क्षेत्र के घाघरा निवासी स्वर्गीय पति महतो के 43 वर्षीय पुत्र गोविंद महतो की मौत पिछले एक महीने पूर्व दोहा कतर में मौत हो गयी। आजतक मृतक के पार्थिव शरीर को दोहा कतर से भारत नहीं लाया जा सका है। मौत से आज पूरा परिवार सदमे से गुजर रहा है।
इस संबंध में मृतक के परिजनों का कहना है कि जब घर में किसी की मौत हो जाती है, तो उनके अंतिम संस्कार के बिना घर के लोग कुछ खाते-पीते नहीं है। वहीं दूसरी ओर परिवार वालो को आर्थिक तंगी से दो-चार होना पड़ रहा है। वह पड़ोसियों की मदद से परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।
अपनी पीड़ा बयां करते हुए बसंती देवी ने बताया कि परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए पिछले दो महीने पूर्व पति गोविंद महतो दोहा कतर गए थे। वहाँ एलएनटी नामक ट्रांसमिशन कंपनी में कार्यरत थे। इसी बीच अचानक 24 मार्च को उनकी मौत का समाचार मिलने पर दुःखो का पहाड़ टूट पड़ा।
मृतक की पत्नी का कहना हैं कि मौत को लगभग एक महीने हो गये अभी तक दोहा कतर से उसके पति का शव यहाँ नहीं पहुँच सका। इस संबंध में कंपनी के द्वारा कोई मुआवजा को लेकर सार्थक जवाब न मिलने से परिवार काफी परेशान हैं।
पति के शव को लाने के लिए पत्नी बसंती देवी जिले के आला अधिकारियों से लेकर सरकार तक से गुहार लगा रही हैं, ताकि वह अपने पति का अंतिम संस्कार कर सके। लेकिन शव के अंतिम दर्शन के लिए परिवार को जद्दोजहद करना पड़ रहा है।
इस मामले में प्रवासी मजदूरों के हितार्थ में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने 22 अप्रैल को केंद्र तथा झारखंड सरकार से अपील करते हुए उचित मुआवजा के साथ शव को जल्द भारत लाने की मांग की है। ताकि मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सके।
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