प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के किरीबुरु ईकाई के महामंत्री राजेन्द्र सिंधिया ने एनजेसीएस सब कमिटी के सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि वह 28 अप्रैल को दिल्ली में होने वाली बैठक में झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस (Jharkhand Group Of Mines) की मांगों और मुद्दो पर चर्चा कर समाधान निकाले।
सिंधिया द्वारा सुझाये गये मांगों में सेल की ऐतिहासिक रिकॉर्ड (Record) बनाने में ठेका श्रमिकों का भी बहुत बड़ा हाथ है। इनका वेज रिवीजन सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार समान काम का समान वेतनमान के आधार पर हो। इनका न्यूनतम वेतनमान एस-1 ग्रेड पर किया जाए।
नियमित कर्मचारियों की भांति ठेका मजदूरों को चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध किया जाए। सीक लीव, इएल, सीएल की व्यवस्था हो। आवास सुविधा उपलब्ध किया जाए। ग्रेच्युटी और पेंशन की व्यवस्था हो।
महामंत्री सिंधिया के अनुसार सेल कोई ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (Training Institute) नही है। जीने का अधिकार हमारे संविधान ने सभी भारतीय नागरिकों को दिया है. अतः ठेकेदार बदले पर ठेका श्रमिक ना बदले, इसका प्रावधान सुनिश्चित किया जाए। पांच साल से अधिक कार्य करने वाले ठेका श्रमिकों को कार्य के अनुसार प्रमोशन हो। अर्थात अकुशल से अर्द्ध कुशल, कुशल से अति कुशल में पदोन्नति हो।
अर्द्ध कुशल मजदूर से कुशल श्रेणी का कार्य कराने की प्रथा बंद हो। ऐसा कराने वालों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही हो। प्रत्येक माह की 7 तारीख तक ठेका श्रमिकों की वेतन भूगतान करने का प्रावधान को कड़ाई से लागू किया जाए। ओवर टाइम भूगतान करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
ऐसा नहीं करने वाले ठेकेदारों पर कानूनी कार्रवाई करने की व्यवस्था किया जाए तथा कानूनी कारवाई नहीं करने वाले अधिकारी पर जवाब देही तय हो। उन्होंने कहा कि ठेका श्रमिक सेल की रीढ़ की हड्डी है। आठ घंटे से अधिक कार्य करने वाले ठेका श्रमिकों को श्रम कानून के तहत ओवर टाइम भूगतान करने की व्यवस्था है।
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