धीरज शर्मा/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)। हजारीबाग जिला (Hazaribag district) के हद में विष्णुगढ़ प्रखंड मुख्यालय से मात्र छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय उदयपुर। जहां पर बच्चों को भीषण जल संकट से जूझना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि, इस विद्यालय के नन्हे नन्हे बच्चों के हाथों में किताब एवं कॉपीयों से भरा बैग होता है। तो दूसरी ओर उनके हाथों में अपने घरों से पानी से भरा बोतल भी अपने हाथों में घर से विद्यालय ले जाने को मजबूर हैं।
जानकारी के अनुसार उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय उदयपुर में कक्षा एक से लेकर पांच तक की पढ़ाई होती है। जिसमें कुल 125 बच्चे अभी पढ़ कर रहे हैं। वर्ष 2008-09 से उदयपुर में यह विद्यालय संचालित है। उस समय से ही विद्यालय में पानी की किल्लत है।
हालांकि विद्यालय में दो चापाकल की बोरिंग की गई है, लेकिन एक चापाकल की बोरिंग होने के बाद लगभग छह महीने तक चापाकल में पानी निकलने के बाद उसमें पानी आना ही छोड़ दिया। दूसरे चापाकल बोरिंग में पानी निकला ही नहीं। जिससे बच्चों की पीने से लेकर उन्हें शौचालय जाने तक की समस्या बनी हुई है।
समस्या इतना ही नहीं विद्यालय में मध्यान भोजन बनाने के लिए रसोइयों को भी 125 बच्चे को खाना बनाने के लिए 500 मीटर की दूरी से पानी लाना पड़ता है। तब जाकर बच्चों का भोजन तैयार होता है। जिससे इस भीषण अप्रैल महीने की आग उगलती गर्मी में बच्चों का पीने के लिए पानी की काफी परेशानी हो रही है।
इस संबंध में उदयपुर के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामेश्वर प्रसाद महतो ने बताया कि चार साल पहले किए गए बोरिंग के बाद इस विद्यालय परिसर में पानी के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पाई है।
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के सांसद, विधायक एवं स्थानीय मुखिया भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि उपायुक्त को इस विषय में पत्र लिखा गया है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस विद्यालय से संबंधित विधि व्यवस्था एवं गहरी जल संकट से स्कूल के बच्चे परेशान हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए तत्काल पानी की समस्याओं से निजात कराया जाए। पानी की मांग की समस्या को लेकर स्कूल के शिक्षक एवं बच्चे और स्थानीय ग्रामीण रहिवासी काफी परेशान है।
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