बीते 8अप्रैल को न्यायालय में किया था समर्पण
ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में तेनुघाट जेल में बंद एक बंदी बंधु ठाकुर उर्फ बंधु हज्जाम की 15 अप्रैल की सुबह इलाज के दौरान मौत हो गयी। बंदी पर बहू की हत्या करने का आरोप था।
बताया जा रहा है कि बंदी ने आठ दिन पहले ही सरेंडर किया था। बंदी की पहचान 71 वर्षीय बंधु ठाकुर उर्फ बंधु हजाम के रुप में हुई है। जानकारी के अनुसार मृतक बंधु ठाकुर ने बीते 8 अप्रैल को तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम (ACJM) की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। उम्र अधिक होने के कारण उसे जेल के अंदर बने अस्पताल में रखा गया था।
बताया जाता है कि 15 अप्रैल कज सुबह उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गयी। जबकि बीते 14 अप्रैल की देर रात उसे तेनुघाट अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान 15 अप्रैल की सुबह उसकी मौत हो गयी।
बताया जा रहा है कि बंधु ठाकुर पर दो वर्ष पूर्व उसकी बहु की हत्या करने का आरोप था। इस बारे में तेनुघाट उपकारा के जेलर नीरज कुमार ने बताया कि मृतक बीते 8 अप्रैल से तेनुघाट जेल में बंद था। वह बुजुर्ग और बीमार था। बीते 14 अप्रैल की रात अचानक उसकी तबियत खराब हुई।
जहां तेनुघाट दो नंबर अनुमंडल अस्पताल (Hospital) में उसकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। बताते चलें कि धनबाद जिला के हद में बरोरा थाना के हरिना गांव निवासी फुलमनी देवी ने आईएल थाना में बयान दर्ज कराया था कि उसकी पुत्री की शादी बंधु ठाकुर के पुत्र टिंकू ठाकुर के साथ वर्ष 2002 में हुई थी। शादी के बाद से ही उसकी पुत्री के साथ लड़ाई झगड़ा मारपीट किया करते थे।
कई बार इसे लेकर आपसी समझौता हुआ। दहेज की मांग ससुराल वाले किया करते थे। वही 15 फरवरी 2020 को रीना देवी ने स्थानीय मुखिया के यहां अपनी तकलीफ सुनाई। वहां से लौट कर आने के बाद ही रीना देवी को उसके पति, सास, ससुर, देवर, गोतनी मिलकर मारपीट कर जान से मार डाला।
बयान के आधार पर आईएल थाना में मामला दर्ज किया गया। बंदी के परिजनों ने बताया कि बीते 14 अप्रैल को बंधु ठाकुर की पत्नी, बेटी और दामाद उससे मिलने तेनुघाट उपकारा गये थे। वहां उन्हें बताया गया कि मुलाकाती का समय खत्म हो गया है, इसलिए नहीं मिल पाये थे। वहीं 15 अप्रैल की सुबह जेल प्रशासन की ओर से खबर दी गई कि बंधु ठाकुर की मौत हो गई है।
मौत की सूचना मिलते हीं परिजन तेनुघाट अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे। मृतक का पुत्र टिंकू ठाकुर का कहना है कि यदि उनके पिता बीमार थे, तो क्यों नहीं बताया गया। वे अपने पिता का इलाज किसी अच्छे अस्पताल में करवाते।
इस संबंध में तेनुघाट अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी डॉ शंभू कुमार (Dr Shambhu Kumar) ने बताया कि जेल से बंधु ठाकुर को करीब रात 9:30 बजे अस्पताल लाया गया था। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसे यहां अस्पताल में इलाज शुरू किया गया, लेकिन 2 घंटें के अंदर ही उनका निधन हो गया।
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