प्रहरी संवाददाता/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)। झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले (Bokaro district) के आस पास क्षेत्रो की एक के बाद एक लगातार हो रही प्रवासी मजदूरों की मौत का शिलशिला नहीं थम रहा है। यह क्षेत्र के रहिवासियों के लिए अब घोर चिंता का विषय बनता जा रहा है।
ताज़ा मामला विष्णुगढ थाना (Vishnugarh block) के हद में चलनियां निवासी टीभा सिंह के 39 वर्षीय पुत्र नाथो सिंह की मौत से जुड़ा है, जिसका महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद नाशिक में बीते 4 अप्रैल की रात को मौत हो गयी। बताया जाता है कि पिछले एक वर्ष पूर्व वह महाराष्ट्र के औरंगाबाद नाशिक गया था। जहां सीएनजी गैस पाइप लाइन कंपनी में कार्यरत था।
बताया जाता है कि नाथो सिंह 4 अप्रैल की सुबह 11 बजे कार्य करने के दौरान हाइड्रा की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान रात 10 बजे उसकी मौत हो गयी। इसकी सूचना मिलते ही परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।
जानकारी के अनुसार मृतक नाथो सिंह अपने पीछे पत्नी ललिता देवी, तीन बेटियां गोलकी कुमारी(16 वर्ष), रूपी कुमारी(12 वर्ष), बुधनी कुमारी(09 वर्ष) और एक पुत्र शिवज सिंह (02 वर्ष) को अपने पीछे छोड़ गया है। वहीं इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूरों के हितार्थ में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली संवेदना प्रकट करते हुए कंपनी से उचित मुआवजे की मांग की है।
साथ हीं कहा है कि झारखंड (Jharkhand) के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार मजदूरो के हित में कुछ पहल नहीं कर पा रही है। जिससे झारखंड से मजदूरों का पलायन तेजी से हो रहा है। ऐसे में सरकार को रोज़गार की ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि मजदूरो का पलायन रोका जा सके।
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