बैन के बावजूद धड़ल्ले से हो रही गुटखों की बिक्री

मुंबई। बैन होने के बावजूद राज्य में गुटखा धड़ल्ले से बिक रहा है। स्टेशन से सटे इलाकों से लेकर आवासीय क्षेत्रों तक गुटखे की अवैध बिक्री बगैर रोक-टोक जारी है। इस पर रोकथाम के लिए एफडीए ने अभियान चला रखा है, फिर भी दुकानदारों में बिक्री को लेकर रत्ती भर डर नहीं है। नतीजतन प्रतिबंध के 5 साल बाद भी मुंबई, उपनगरों और आसपास के अलावा राज्य के कई हिस्सों में गुटखे की खरीद-फरोख्त जारी है।

एफडीए की कमिश्नर डॉ पल्लवी दराडे का कहना है कि गुटखे सहित सभी प्रतिबंधित चीजों की बिक्री को रोकने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए आए दिन कार्रवाई की जाती है। लोग खुद भी इसकी शिकायत कर सकते हैं और कार्रवाई की जाएगी।

लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) स्टेशन से सटे इलाकों में गुटखे का बाजार हमेशा सजा रहता है। दिन हो या रात, कभी भी यहां आसानी से गुटखा खरीदा जा सकता है। एलटीटी स्टेशन के बाहर फ्लाइओवर के नीचे तकरीबन दर्जन भर दुकानों पर गुटखे की बिक्री होती हैं। दुकानों के सामने सरेआम गुटखा लटकाकर बेचा जाता है। इसके बावजूद इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। एलटीटी के अलावा चर्चगेट और दादर में भी गुटखा कारोबार अवैध रूप से फल-फूल रहा है। दिन में इन जगहों पर चोरी छिपे गुटखा बेचा जाता है, तो रात के वक्त यह खुलेआम बिकता है।

भांडुप, नाहूर और विक्रोली इलाकों में भी गुटखे की बिक्री जमकर होती है। इन इलाकों में जहां कुछ जगह सरेआम इसकी बिक्री होती है, वहीं कहीं-कहीं गुटखा चोरी छिपे बिकता है। एफडीए की कार्रवाई से बचने के लिए कुछ दुकानदार छिप-छिपाकर गुटखे की बिक्री करते हैं और केवल अपने नियमित ग्राहकों को ही बेचते हैं। यह दुकानदार बंद मुट्ठी से पैसे लेकर बंद मुट्ठी में ही गुटखा देते हैं, ताकि किसी को इस बारे में भनक न लगे।

एफडीए (खाद्य विभाग) के संयुक्त निदेशक अढावे के मुताबिक प्रतिबंधित गुटखे की बिक्री को रोकने के लिए आए दिन अभियान चलाए जाते हैं। रोजाना हम भारी मात्रा में गुटखा सहित सुगंधित सुपारी और खैनी जब्त करते हैं। हालांकि, पड़ोसी राज्यों में गुटखे पर पाबंदी न होने के कारण राज्य में गुटखे की आवजाही पर रोक नहीं लग पा रही है।

राज्य में गुटखा प्रतिबंधित कराने के लिए लड़ाई लड़ने वाले टाटा अस्पताल के मुख और सिर के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ़ पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार को इस बारे में और सख्ती लाने की जरूरत है। प्रतिबंध के बाद भी राज्य में गुटखे का सेवन कम होने की बजाय बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों की हित को देखते हुए सरकार को इस बारे में और भी सख्त कदम उठाने होंगे।

तंबाकू उत्पादों का सेवन कैंसर की एक मुख्य वजह है। एफडीए के ‘फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड’ ऐक्ट के अंतर्गत महाराष्ट्र में गुटखा, सुगंधित सुपारी और खैनी के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध है। इसका उल्लंघन करने वाले को 6 महीने की सजा या अधिकतम 25 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है।

 280 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *