साभार/ शिमला। हिमाचल प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में जयराम ठाकुर के नाम पर मुहर लग गई। जयराम ठाकुर को विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया है। जयराम ठाकुर 5 बार विधायक रह चुके हैं। वह हिमाचल प्रदेश के 13वें मुख्यमंत्री होंगे। बैठक में विधायक दल के नेता के रूप में जयराम ठाकुर के नाम का प्रस्ताव पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के मुख्य मंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया जिसका बाकी विधायकों ने एकसुर में समर्थन किया।
पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी और कहा कि अब हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से मुलाकात की जाएगी। राज्यपाल के निर्देशानुसार तय क्रार्यक्रम में जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को आए चुनाव नीतीजों में बीजेपी की जीत के बाद से ही हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। यहां असमंजस की स्थिति इसलिए भी बढ़ गई क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री और सीएम पद के दावेदार प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए। इसके बाद केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और पांच बार के विधायक जयराम ठाकुर का नाम सामने आने लगा। अटकलें यह भी लगाई गईं कि नड्डा को सीएम और ठाकुर को डेप्युटी सीएम बनाया जा सकता है। लेकिन आखिर में जयराम ठाकुर के नाम पर सर्वसम्मति बनी।
नड्डा से यूं आगे निकले जयराम
बीजेपी नेताओं की अच्छी-खासी तादाद ऐसी थी जो केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में थी। उन नेताओं का मानना था कि प्रदेश में मजबूत नेतृत्व देने के लिहाज से नड्डा हर पैमाने पर खरा उतरेंगे। हालांकि, नेताओं का एक वर्ग जयराम ठाकुर को नए सीएम की जिम्मेदारी देना चाहता था। ये नेता यह दलील देते रहे कि जयराम ठाकुर एक शानदार संगठनकर्ता तो हैं ही, वह प्रतिद्वंद्वियों को पटखनी देकर पांचवीं बार विधानसभा पहुंचे हैं। आखिरकार केंद्रीय टीम को यह दलील भा गई और ठाकुर के नाम पर मुहर लग गया और नड्डा खेमे के नेताओं-विधायकों ने भी अपनी सहमति जता दी।
कौन हैं जयराम ठाकुर?
जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। 52 साल के ठाकुर हिमाचल में बीजेपी की पूर्व सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वह मंडी विधानसभा से चुनाव जीतते रहे हैं और संगठन से लेकर आम जनता तक इनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। जयराम ने चुनाव जीतने के तुंरत बाद कहा था कि सीएम पद को लेकर पार्टी अगर उन्हें जिम्मेदारी देगी तो वह उसे निभाने के लिए तैयार हैं।
इससे पहले शनिवार को चुनावों में पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे प्रेम कुमार धूमल ने खुद को राज्य के मुख्यमंत्री के पद की दौड़ से बाहर बता दिया था। धूमल ने कहा, ‘मीडिया में यह अटकलबाजी चल रही है कि मैं मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदार हूं, लेकिन मैंने मतगणना के दिन ही यह स्पष्ट कर दिया था कि मैं किसी दौड़ में शामिल नहीं हूं।’
बीजेपी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे प्रेम कुमार धूमल के चुनाव में हार जाने के बाद पार्टी के सामने नेतृत्व का संकट खड़ा हुआ। कांग्रेस के राजेंद्र राणा ने सुजानपुर सीट से धूमल को चुनाव में शिकस्त दी थी।
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