एस. पी. सक्सेना/बोकारो। चार श्रम कोड (कानूनों) को रद्द करने की मांग के साथ बालीडीह स्थित डालमिया सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के शह पर ठेकेदार द्वारा पीटकर मज़दूर नागेन्द्र यादव की हत्या के खिलाफ भाकपा माले ने मोर्चा खोल दिया है।
इसे लेकर 17 मार्च को मजदूर की हत्या एवं एक आदिवासी मज़दूर को गायब कर देने के खिलाफ बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में बोकारो थर्मल के झारखंड चौक पर भाकपा माले (एक्टू) एवं मजदूर संगठन समिति के द्वारा चार श्रम कानूनों एवं बोकारो जिला प्रशासन (Bokaro district Administration) का पुतला दहन किया गया।
इस अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए माले नेता विकाश कुमार सिंह ने कहा कि पूरे देश के पूंजीपति एक होकर अपने फायदे के लिए कानूनों में मन मुताबिक बदलाव करवा रहे हैं। कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ किसानों ने मजबूती से लड़ाई लड़कर सरकार को वापस लेने को बाध्य कर दिया। उन्होंने कहा कि अब मजदूरों को भी चार श्रम कानूनों के खिलाफ उसी हौसले से लड़ने की जरूरत है।
आज श्रम कानूनों में संशोधन कर मजदूरों को गुलाम बनाने की कोशिश हो रही है। अब मजदूर अपने खिलाफ प्रबंधन की ज्यादतियों एवं मनमानी के खिलाफ विरोध नहीं कर पाएंगे. श्रम विभाग और श्रम न्यायालयों में ताला लगा दिया जाएगा। मजदूर पूर्णतया प्रबंधन और ठेकेदारों के गुलाम बन जाएंगे।
चार श्रम कानूनों की अभी घोषणा के साथ ही इसके घातक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। बोकारो के बालीडीह स्थित डालमिया सीमेंट फैक्ट्री में सुबह से कार्यरत मजदूरों ने थकान के कारण ओवरटाइम करने में असमर्थता जताई। घटना में दबंगो द्वारा एक की पीटकर हत्या कर दी गयी। दूसरे का भी पता नहीं चल रहा है।
जिला प्रशासन पूरी तरह प्रबंधन एवं हत्यारों के पक्ष में खड़ा है। मृतक मजदूर के भाई द्वारा ७ हत्यारों के खिलाफ नामजद एफआईआर करने के वावजूद एफआईआर दर्ज करने के बदले हत्यारों के साथ समझौता करने के लिए दबाव डाला जा रहा है ।
उन्होंने कहा कि बोकारो थर्मल में भी मजदूरों को कान्टैक्ट लेबर रेगुलेशन एण्ड एबोलिशन एक्ट के तहत किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जा रही है। आवाज उठाने पर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। ऐसी हीं नीतियों के विरोध में आगामी 28 एवं 29 मार्च को देशव्यापी बंद का आह्वान किया गया है। हमें भी किसानों की तरह संघर्ष कर इन नीतियों को वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने की जरूरत है।
सभा को संबोधित करते हुए मजदूर संगठन के महासचिव बच्चा सिंह ने कहा कि केन्द्र की फासीवादी सरकार सारे लोकतांत्रिक प्रणाली को ध्वस्त कर देना चाहती है। अपनी जनविरोधी नीतियों को लागू करने के लिए धर्म का सहारा लेकर धार्मिक उन्माद पैदा कर रही है। मजदूर वर्ग इसके खिलाफ अंतिम दम तक लड़ाई लड़ेगा। सभा को एक्टू और माले नेता बालेश्वर गोप ने भी संबोधित करते हुए मार्च बंद को सफल बनाने का आह्वान किया ।
सभा में माले के बालेश्वर यादव, बालगोविंद मंडल , वाजिद हुसैन, सुरेन्द्र घासी, मानिक घासी, राजेन्द्र राम , हरिशंकर प्रसाद , मुबारक अंसारी, नूर मुहम्मद एवं कई अन्य तथा मसस के रज़्ज़ाक अंसारी, रघुवर सिंह, रंजीत कुमार, सारो देवी मुंडा, संजय तुरी एवं अन्य उपस्थित थे।
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