महिलाएं हर क्षेत्र में किसी से कम नहीं-छवि बाला बारला
घरेलू महिला सम्मान की वास्तविक हकदार-संगीता कुमारी
प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में बेरमो प्रखंड के गोविंदपुर सी पंचायत भवन में बीते 12 मार्च को साई सेवा आश्रम परिवार के तत्वाधान में अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। अध्यक्षता साई सेवा सचिव सुषमा कुमारी ने किया।
समारोह का उद्घघाटन बतौर मुख्य अतिथि बेरमो के कार्यपालक दंडाधिकारी छवि बाला बारला, उप-कोषागार पदाधिकारी संगीता कुमारी, बेरमो प्रखंड प्रमुख गिरीजा देवी, तेनुघाट पंचायत प्रधान रेखा सिन्हा, शोभा सिंह व उप प्रमुख करूणा देवी ने संयूक्त रूप से द्वीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर इंडियन स्कूल ऑफ लर्निंग की छात्राओं ने गीत व नृत्य प्रस्तुत किया।
समारोह को संबोधित करते हुए कार्यपालक दंडाधिकारी छवि बाला बारला ने कहा कि विज्ञान के इस युग में भी महिलाऐं किसी से कम नहीं है। पुरूषों के साथ कंधें से कंधें मिलाकर चल रही है। उन्होंने कहा कि हम सबके जीवन में महिला की भूमिका में मां, बहन, बेटी, बहू होती है, जिसके बिना हम अधूरें होते है। स्त्री है, तो संसार है।
महिलाओं को सम्मान देने और समाज में उनके प्रति बुरे रवैये के बदलाव के उद्देश्य से हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं के सम्मान में समर्पित है। उन्होंने कहा कि हज़ारों फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए।
हज़ारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए, हज़ारों बूंद चाहिए समुद्र बनाने के लिए, पर एक “स्त्री” अकेली ही काफी है… घर को स्वर्ग बनाने के लिए।
उप कोषागार पदाधिकारी संगीता कुमारी ने कहा कि आज यहां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है। महिलाएं आज बहुत ही जागरूक हो गई है। अपने अधिकार एवं कर्तव्य को समझ पा रही है।
काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है, मगर पर्दे के पीछे रहने वाली महिला अर्थात घर में काम करने वाली महिला इस सम्मान के ज्यादा हकदार है। अगर काम करने वाली महिला एक दिन काम नहीं करें तो चलेगा मगर घर में काम करने वाली महिला का एक दिन काम नहीं करें बहुत मुश्किल होगा।
इसलिए महिला दिवस तब सार्थक होगा जब हम अपने घर में मां, बहन, बेटी और बहू की इज्जत करेंगे। भाजपा महिला मोर्चा बोकारो जिलाध्यक्ष एवं बेरमो प्रखंड प्रमुख गिरजा देवी ने कहा कि किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की औरतों की उन्नति से मापी जा सकती है। पत्थर की दीवारों को औरत ही घर बनाती है।
हर दु:ख-दर्द सहकर वो मुस्कुराती रहती है। सच तो ये है कि औरत के बिना कोई घर नहीं होता है। समारोह में समाज के हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर काम कर रहीं महिलाओं में मुखिया रेखा सिन्हा, शोभा सिंह, पत्रकार अर्चना कुमारी और ममता सिन्हा, कावियत्री रजनी नैयर, आदि।
चित्रकार बिनीता बद्योपाध्याय, महिला कांस्टेबल सुनीता कुमारी, आरती रानी, डालिया डे, माधवी दास, रीना कुमारी, उषा देवी, ब्यूटिशियन विल्किस आरा रोजी सहित दर्जनों महिलाओं को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर सामाजिक संस्था साई सेवा आश्रम के जानकी महतो, सचिव सुषमा कुमारी, अध्यक्ष पवन कुमार, मौरिस पिंट्टो, रोमिशा खान, टीआर राजीव, गौतम कुमार सहित सैकड़ों महिला-पुरुष उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सुभाष कटरियार उर्फ राजा ने किया।
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