2 मिनट में तैयार होने वाली मैगी का नाम एक बार फिर विवादों में उबल रहा है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कंज्यूमर गुड्स कंपनी नेस्ले और इसके वितरक पर 62 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। मैगी नूडल्स के सैंपल में ऐश कॉन्टेंट मानक से अधिक पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई है। 2015 में 7 सैंपल लेकर लखनऊ लैब में जांच के लिए भेजे गए थे और 2016 में इसकी रिपोर्ट आने के बाद एडीएम कोर्ट में 7 केस दर्ज किए गए थे। कुल जुर्माने में से 45 लाख नेस्ले इंडिया को देना होगा। 15 लाख वितरक और 2-2 लाख रुपये जुर्माना विक्रेता पर भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि 2015 में लेड की मात्रा अधिक पाए जाने के बाद काफी विवाद हुआ था और मैगी को देशभर में 5 महीने के लिए बैन कर दिया गया था। हालांकि, नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘हम मजबूती से इस बात को दोहराते हैं कि मैगी नूडल्स 100 फीसदी सुरक्षित हैं। हमें ऑर्डर की कॉपी अभी नहीं मिली है। हमें बताया गया है कि सैंपल 2015 के हैं और यह नूडल्स में ऐश कॉन्टेंट से जुड़ा है। यह गलत मानक लगाने का मामला प्रतीत होता है। आदेश की कॉपी मिलते ही हम इसके खिलाफ अपील दायर करेंगे।’
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