2 फरवरी को आत्मसमर्पण, जमानत का रास्ता साफ
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे व भाजपा विधायक नितेश राणे (BJP MLA Nitesh Rane) को सिंधुदुर्ग की स्थानीय अदालत ने 18 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इससे उनके जमानत का रास्ता भी साफ हो गया है। नितेश पर एक शिवसेना कार्यकर्ता (Shivsena worker) से जुड़े हमले के मामले में हत्या का प्रयास करने का आरोप है। बीते बुधवार, 2 फरवरी को नितेश ने इस मामले में कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण किया था। कोर्ट ने नितेश को चार फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा था।
अब हिरासत की अवधि पूरा होने पर उन्हें दोबारा अदालत में पेश किया गया। पुलिस (Police) की ओर से पैरवी कर रहे विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरत ने कहा कि पुलिस को इस मामले में आरोपी से पूछताछ के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला है। आरोपी ने जांच में सहयोग नहीं किया। इस लिए पुलिस मामले से जुड़े कॉल डेटा रिकार्ड (Call data recorde) का भी सत्यापन करना चाहती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा विधायक नितेश राणे प्रकरण से जुड़े साजिश सहित अन्य पहलूओं की जांच के लिए पुलिस आरोपी को पुणे सहित कई जगहों पर ले जाना चाहती है। इसलिए आरोपी को पुलिस हिरासत कम से कम आठ दिन और बढाई जाए।
वहीं नितेश की ओर से पैरवी कर रहे वकील सतीश माने शिंदे ने कहा कि इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है। आरोपी को दूसरी जगहों ले जाने का कोई मतलब नहीं है।
इसके अलावा यदि प्रकरण से जुड़ा कोई आरोपी कही छुपकर बैठा है तो उसका पता लगाने के लिए गिरफ्तार आरोपी की पुलिस हिरासत बढाई जाती है। इस तरह से न्यायाधीश ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी नितेश को 18 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जमानत का रास्ता साफ
गौरतलब है कि इससे पहले सिंधुदुर्ग कोर्ट ने आरोपी के जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद नितेश ने हाईकोर्ट (High court) में जमानत के लिए आवेदन किया था। किंतु बाद में उसे वापस ले लिया गया।
पुलिस ने इस मामले में नितेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या के प्रयास ) 120वीं व 34 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह मामला सिंधुदुर्ग जिला को-ऑपरेटिव बैंक के चुनाव के दौरान हुए विवाद को लेकर दर्ज किया है। लेकिन अदालत के आदेश के बाद आरोपी कि जमानत का रास्ता साफ हो गया है।
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