बेटियों को सप्लाई करने वाले को संरक्षण देना बंद करे सरकार-बंदना सिंह
एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। गायघाट के महिला रिमांड होम (women remand home) से लड़कियों को सप्लाई करने की घटना गंभीर मामला है। इससे एक बार फिर बिहार (Bihar) शर्मशार हो गया है।
घटना की जांच समय सीमा (Incident investigation deadline) के अंदर कोर्ट की निगरानी में हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने, मामले का खुलासा करने वाली लड़की एवं उसके परिजनों की सुरक्षा की मांग महिला अधिकार कार्यकर्ता सह ऐपवा समस्तीपुर (Samastipur) जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने किया है।
उन्होंने 3 फरवरी को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि रिमांड होम से लड़कियों को सप्लाई करना अत्यंत शर्मनाक घटना है। इस घटना से बिहार ही नहीं बल्कि पूरा देश शर्मशार है।
घटना की अविलंब कोर्ट की निगरानी में संबंधित विभाग, अधिकारी, मंत्रालय आदि की संपूर्ण जांच हो। घटना में शामिल दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो, ताकि बेटियों के भक्षक को सजा मिल सके।
ऐपवा नेत्री वंदना सिंह ने कहा कि भाजपा- जदयू की नीतीश सरकार के किसी भी जांच एजेंसी पर अब भरोशा नहीं है। भाजपा- जदयू सरकार पीड़ितों को न्याय देने के बजाय दोषियों को संरक्षण दे रही है। कुछ मामलो में न्याय मिला है तो कोर्ट के हस्तक्षेप से ही यह संभव हो पाया है।
ऐपवा नेत्री ने आगे कहा कि बिहार की राजधानी पटना के गायघाट रिमांड होम की घटना जो सामने आई है, समाज कल्याण विभाग या पटना के जिलाधिकारी ने एक बार भी लड़की की बात सुनने की कोशिश नहीं कि, बल्कि उसे झूठी, पागल और न जाने क्या-क्या बोला गया। ऐपवा इसकी निंदा करती है।
उन्होंने कहा कि घटना बताने वाली लड़की का हाथ ही उसकी बात की गवाही दे रहा हैं कि उसने जिल्लत भरी जिंदगी से खुद को खत्म करना चाहा, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। आज उसमें लड़ने की हिम्मत आ गई हैं। ऐपवा इसकी सराहना करती है और पूरी ताकत से उसके इस लड़ाई को लड़ने की घोषणा करती है।
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