प्रहरी संवाददाता/मुजफ्फरपुर (बिहार)। मुजफ्फरपुर शहर (Muzaffarpur City) में प्रगतिशील विचारों को सामाजिक, राजनीतिक, साहित्य को रंगमंच की दुनियां में कला के माध्यम से सहेजने वाले व्यक्तित्व का नाम संजीत किशोर था। उक्त बातें रंभा चौक कन्हौली विष्णु दत्त स्थित भंसा घर सह सेवा घर में रंगकर्मी संजीत किशोर के श्रद्धांजलि सभा में रंगकर्मी बैजू कुमार ने कही।
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए भाई दिनेश ने कहा कि संजीत किशोर का असमय चला जाना शहर के लिए अपूरणीय क्षति है। स्वर्गीय संजीत किशोर सामाजिक संवेदना का नाम था। विभिन्न विचारधाराओं के लोगों को सामाजिक रूप से एक साथ माला पिरोने का काम करता था।
रंगकर्मी अजय शर्मा ने कहा कि संजीत किशोर कला के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ थे। रंगकर्मी सुनील कुमार ने कहा कि संजीत किशोर ने शहर में सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए नुक्कड़ नाटक से लेकर प्रशासनिक स्तर तक के पदाधिकारियों को भी गांधी हेरिटेज के माध्यम से निर्देशन प्रदान किया।
संजीत किशोर (Sanjeet Kishor) से कलाकारों को सीखने की जरूरत है। रंगकर्मी मोहम्मद अली जौहर सिद्दीकी ने कहा कि संजीत किशोर ने कला के क्षेत्र में ही नहीं सामाजिक क्षेत्र में भी हर वक्त बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे। उनसे सामाजिक जीवन जीने वाले सभी लोग प्रभावित थे।
सामाजिक कार्यकर्ता हेम नारायण विश्वकर्मा ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में संजीत किशोर ने सभी वर्गों को जोड़ने का काम किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अनिल कुमार अनल ने कहा कि संजीत किशोर हम लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत थे। उनसे हमेशा हौसला मिलता था।
इस मौके पर हेमनारायण विश्वकर्मा, शीतल यादव, बैधनाथ राय, सीताराम राय, सुनील कुमार, पीयूष यादव, निलेश सुमन, सतीश कुमार, लालजी राय, सत्यम कुमार, संजय झा, दीपांशु कुमार, पिंटू यादव आदि लोगों ने शोक संवेदना प्रकट की तथा दो मिनट का शोक व्यक्त किया गया।
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