ताजपुर में किसान महापंचायत का आयोजन

किसानों पर जुल्मोसितम के खिलाफ जिलाधिकारी के समक्ष धरना का निर्णय

महापंचायत में दर्जनों किसानों ने सुनाया ठेकेदार के मनमानी की कहानी

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला (Samastipur district) के हद में ताजपुर प्रखंड (Tajpur block) क्षेत्र के ठुट्ठा बर चौक फतेहपुर में 30 जनवरी को किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि देने के बाद किसान महापंचायत की शुरुआत हुई।

महापंचायत (Mahapanchayat) की अध्यक्षता किसान नेता मनोज कुमार सिंह, ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, रामरतन सिंह, दिनेश कुमार सिंह, मनोज राय ने किया। संचालन भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव कॉमरेड सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने किया।

किसान महापंचायत में शंकर सिंह, अनीता देवी, सोनिया देवी, रेखा देवी, ओम प्रकाश झा, धीरज मिश्रा, मो. ताजीब, रामचंद्र पंडित, हिरा मिश्रा, बैजनाथ मिश्र, सूर्यदेव प्रसाद सिंह, इनौस के जिला सचिव आसिफ होदा, रामसकल महतो, नमूना साह, मो. आसीन समेत अन्य दर्जनों किसानों ने अपने- अपने विचार वयक्त किया।

किसानों ने कहा कि जमीन का कब अधिग्रहण हुआ, मुआवजा मिला या नहीं, कितना जमीन लिया आदि जानने के लिए ठेकेदार से लेकर अंचलाधिकारी, जिलाधिकारी, गंडक प्रोजेक्ट कार्यालय का चक्कर लगाकर थक गये हैं।

उन्होंने जमा किये जा रहे मालगुजारी का रसीद दिखाते हुए कहा कि यदि जमीन का सरकार अधिग्रहण कर लिया था और मुआवजा दे दिया था तो मालगुजारी रजिस्टर से जमीन को आउट क्यों नहीं किया?

निर्माण शुरू करने से पहले किसान की उपस्थिति में जमीन मापी कराकर पीलर क्यों नहीं गाड़ा गया? उन्होंने कहा कि कार्य शुरू करने से पहले कम से कम किसानों को नोटिस दिया जाना चाहिए। कार्यस्थल पर प्राक्कलन का बोर्ड लगाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

उपस्थित (Present) किसानों ने कहा कि उनके जमीन लिए गये डीसमल में और माप लिया गया नक्शा के अनुसार जो गलत है। उन्होंने ठेकेदार पर आरोप लगाया कि बार- बार मांग करने के बाबजूद न कोई कागजात और न ही नक्शा का प्रति दिया जा रहा है।

किसानों ने ठेकेदारों एवं विभागीय अधिकारियों पर किसानों के पेड़ काटकर दलाल- बिचौलिया एवं आरा मिल संचालकों से सांठगांठ कर बेचने का आरोप लगाया।

अंत में महापंचायत ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अधिकारी संबंधित किसानों को जमीन अधिग्रहण, मुआवजा प्राप्ति, अधिग्रहीत नक्शा का छाया प्रति उपलब्ध कराए। किसानों को नोटिस करे। कार्यस्थल पर प्राकलन का बोर्ड लगाए।

काटकर ले गये पेड़- पौधे का मुआवजा दे। कोर्ट का फैसला आने तक कार्य पर रोक लगाए। छूटे किसानों को वर्तमान दर के चार गुणा जमीन एवं मकान का मुआवजा दे, अन्यथा जिलाधिकारी के समक्ष धरना देने की घोषणा की गई।

मौके पर 25 सदस्यीय संघर्ष समिति का चुनाव किया गया। इसके संयोजक मनोज कुमार सिंह, सह संयोजक मनोज राय एवं गणेश कुशवाहा को चुना गया।

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