बिजली सब्सिडी को लेकर पवार और राउत में ठनी -15 दिन की

सब्सिडी समीक्षा फाइल 9 महीने बाद भी नही

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। राज्य (State) में उद्योगों को दी जा रही बिजली सब्सिडी को लेकर वित्त मंत्री अजित पावर और ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के बीच ठन गई है।

मंत्रिमंडल की बैठक (Cabinet meeting) में एनसीपी (NCP) के पावर ने साफ-साफ कहा कि, जब तक बिजली सब्सिडी समीक्षा की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक वे कुछ नहीं कर सकते।

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री (Chief minister) उद्धव ठाकरे वित्त मंत्री पावर की भूमिका से सहमत है। ध्यान देने की बात यह है कि जिस जांच रिपोर्ट की मांग पावर कर रहे उसी रिपोर्ट (Report) को 15 दिन के अंदर देने का निर्देश खुद ऊर्जा मंत्री राउत ने उस वक्त दिया था, लेकिन 9 महीने बाद भी उस रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं है।

दरअसल, राज्य के पिछड़े क्षेत्र विदर्भ, मराठवाडा सहित अन्य पिछड़े जिलों में उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए 2016 में तत्कालीन फडणवीस सरकार ने बिजली में सब्सिडी देने का निर्णय लिया था।

इन क्षेत्रों में 7500 से ज्यादा उद्योग हैं, जिन्हें सालाना 1200 करोड़ रुपये की सब्सिडी देनी थी, लेकिन सब्सिडी देने के नियम व शर्त इस तरह से बनाए गए कि उसका लाभ चंद उद्योगपति ही उठा सके।

इस मसले को लेकर अदालत की दहलीज तक पहुंचे एडवोकेट विनोद सिंह का दावा है कि, 1200 करोड़ रुपये की कुल सब्सिडी में महज 15 उद्योगपति ही 65 प्रतिशत रकम ले जा रहे थे, जिससे अन्य उद्योगपतियों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

छोटे उद्योगपतियों ने इसकी शिकायत तत्कालीन ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

ठाकरे सरकार ने खबर ली

राज्य में ठाकरे सरकार आने बाद वित्त मंत्री अजित पावर और ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने बिजली विभाग में सब्सिडी की लूट पर ब्रेक लगाया। उन्होंने तत्काल सब्सिडी रोक दी।

उस वक्त दी जा रही सब्सिडी (Subsidy) और उसमें सुधार करने के लिए मार्च 2021 में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसका अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी के अध्यक्ष व व्यवस्थापक विजय सिंघल को अध्यक्ष बनाया।

समिति को 15 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया, लेकिन नौ महीने बीतते के बाद भी रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं है। हालांकि, ऊर्जा मंत्री राउत कहते हैं रिपोर्ट आ गई है। सिंघल इस बार में बात करने से कतरा रहे हैं।

रिपोर्ट आई नहीं, पर सब्सिडी फिर बहाल

मार्च 2021 में सब्सिडी पर रोक लगाने के तीन महीने के बाद ही ऊर्जा मंत्री राउत ने चुपके से फिर सब्सिडी बहाल कर दी जिसका उस वक्त वित्त मंत्री पावर ने विरोध किया था, लेकिन राउत नहीं माने। आठ महीने उद्योगों को गलत तरह से फायदा देने के बाद अब फिर सब्सिडी बंद कर दिया है।

कैबिनेट में पवार व राउत आमने-सामने

अपारंपरिक ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा उद्योग लगाने के लिए कई तरह की सब्सिडी ऊर्जा विभाग देता है। आजकल बिजली विभाग के बुरे दिन चल रहे हैं। विभाग बड़ी तंगी से गुजर रहा है। तंगी से छुटकारा पाने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में ऊर्जा मंत्री राउत ने सरकार से पैसे की मांग की।

इस पर पावर ने नाराजगी प्रकट की। उन्होंने साफ कहा, जब पैसा नहीं था तो सब्सिडी क्यों दिया जा रहा था जबकि उस वक्त सब्सिडी में धांधली का मामला सामने आया था।

यहां तक की समिति बिठाई भी गई थी। उसकी कोई रिपोर्ट नहीं आई। पवार ने बिजली विभाग को आर्थिक मदद देने से एक तरह से पल्ला झाड़ लिया है। सब्सिडी मामले को लेकर पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी विस्तार से जानकारी दी है।

 187 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *