नई दिल्ली। आगामी गुजरात के विधानसभा पर पूरे देशवासियों की नजर है, क्योंकि इस बार के चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस के महा सचिव राहूल गांधी मैदान में कूद पड़े हैं। इससे मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। कयास लगाया जा रहा है कि इस चुनाव में निर्णायक की भूमिका में पाटीदार समाज के मतदाता ही निभाएंगे। जैसे-जैसे चुनाव का समय करीब आता जा रहा है चर्चाओं का बाजर गर्म है कि गुजरात को मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी व अमित शाह का राज्य माना जाता है। इसके बावजूद गुजरात में कांग्रेस के राहुल गांधी जिन्हें पप्पू का खिताब मिला था, हीरो बन गए हैं। अब तो मानो पप्पू बन गया हीरो!
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 के कार्यक्रम का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है। यहां दो चरणों में होना तय है। इस चुनाव के पहले चरण 9 दिसंबर को 19 जिलों में मतदान होगा। बाकी 14 जिलों में 14 दिसंबर को मतदान कराया जाएगा। गुजरात व हिमाचल प्रदेश के नतीजे 18 दिसंबर को एक साथ जारी किये जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति ने कहा है कि गुजरात में 43 करोड़ मतदाता है जो 182 सीटों पर प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला करेंगे। कुल 50 हजार 128 पोलिंग बूथों पर मतदान संपन्न कराया जाएगा। चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए अधिकतम खर्च की सीमा 28 लाख रुपये तय की गई है। उन्हें अपने खर्च की जानकारी चुनाव के 75 दिनों के भीतर देनी होगी और इसकी जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर डाली जाएगी।
चुनाव आयोग ने 12 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था, लेकिन उस समय गुजरात की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया। जिसके कारण विपक्ष ने आयोग पर आरोप लगाया था कि उसने भारतीय जनता पार्टी को राज्य में मुफ्त उपहार बांटने की अनुमति का आदेश दिया है। निर्वाचन आयोग के मुख्य आयुक्त अचल कुमार जोति हैं, जो नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते राज्य के मुख्य सचिव हुआ करते थे।
गौरतलब है कि गुजरात में पहले चरण में 89 सीटों पर चुनाव की अधिसूचना 14 नवंबर को जारी होगी। नामांकन इसके बाद फाइल किए जा सकेंगे। स्क्रूटनी की तारीख 22 नवंबर होगी। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 24 नवंबर होगी। मतदान 9 दिसंबर को होगा। इस तरह गुजरात में दिसंबर महीने में दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। आयोग ने राज्य के चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि मीडिया में हो रही कवरेज पर ध्यान दिया जाए। जिला स्तर पर कमेटी बनाकर पेड न्यूज को रोकने की कोशिश होगी।
क्योंकि चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए अधिकतम खर्च सीमा 28 लाख रुपये तय की गई है। उन्हें अपने खर्च की जानकारी चुनाव के 75 दिनों के भीतर देनी होगी और इसकी जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर डाली जाएगी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 अक्टूबर को गुजरात दौरे के बाद, 22 अक्टूबर को भी गुजरात का दौरा किया और कई योजनाओं का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा था कि चुनाव कार्यक्रम में देरी का गुजरात में नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित रैली से इसका कोई संबंध नहीं है।
गुजरात विधानसभा चुनावों में देरी की वजह कुछ तकनीकी एवं अन्य कारण है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में वोटों की गिनती से पहले गुजरात में विधानसभा चुनाव करा लिए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। जोति ने कहा, मूल सिद्धांत यह है कि कम अंतराल में होने वाले चुनावों में एक राज्य के वोटिंग पैटर्न का असर दूसरे राज्य में होने वाले चुनाव पर नहीं पड़ना चाहिए। हिमाचल के नतीजे आने से पहले गुजरात में चुनाव हो चुके होंगे।
वहीं गुजरात के कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला ने चुनाव में अपनी पार्टी (जन विकल्प मोर्चा) के उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मोर्चा, ऑल इंडिया हिन्दुस्तान कांग्रेस पार्टी के ट्रैक्टर निशान पर चुनाव लड़ेगा। जोति ने कहा कि 25-26 सितंबर को चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल के हिमाचल दौरे के दौरान, राज्य प्रशासन ने चुनाव आयोग से मध्य नवंबर तक चुनाव करवाने का आग्रह किया था। क्योंकि कुछ जिलों में दिसंबर से ही बर्फबारी होने लगती है और इस वजह से मतदाताओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
यह भी हिमाचल में 15 नवंबर से पहले चुनाव कराने की वजह है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि गुजरात राज्य प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में पुनर्वास का कार्य और 17 जगहों से टूटे नर्मदा नहर पर चल रहे कार्य की वजह से चुनाव बाद में करवाने की मांग की थी। निर्वाचन आयोग ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (मुख्य कार्यकारी अधिकारियों) को सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीनों के अनिवार्य उपयोग के लिए विस्तृत निर्देश भेजे हैं। इन राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनावों में पेपर स्लिप की गिनती के निर्देश दिए गए हैं।
442 total views, 2 views today