छात्रों की सेवा में लगा चेंबूर ब्रिगेड
प्रहरी संवाददाता/ मुंबई। महाराष्ट्र शिक्षा पाठ्यक्रम 2016-17 की परीक्षा के मद्देनजर तैयारियों में लगे झोपड़पट्टी क्षेत्र के छात्रों ने घरेलू माहौल और जगह की तंगियों को देखते हुए चेंबूर के सैनिक गार्डन का रूख कर लिया है। बता दें कि सैनिक गार्डन को चिमनी गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। इस गार्डन में चेंबूर परिसर के माहूल गांव से लेकर सांताक्रुज तक के छात्रों को अपने सहयोगियों के साथ अध्ययन करते सहज ही देखा जा सकता है। झोपड़पट्टियों के छात्रों की सेवा में चेंबूर वेलफेयर ब्रिगेड सामने आई है।
ब्रिगेड द्वारा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से चेंबूर के सैनिक गार्डन में परीक्षा की तैयारियों में लगे छात्रों को चाय नाश्ता आदि मुफ्त में मुहैया कराया जाता है। ब्रिगेड के अध्यक्ष शिवराज पंडित ने बताया कि इन दिनों परीक्षा का माहौल है। मौजूदा समय में दसवीं और बारहवीं की परिक्षाएं चल रही है।
चेंबूर के माहूल, वाशीनाका, सिद्धार्थ कालोनी, ट्रांबे परिसर शिवाजी नगर, गोवंडी आदि झोपड़पट्टीयों में रहने वाले इन छात्रों को पढाई का माहौल नहीं मिलता और न ही सभी के घरों में उतनी जगह है कि वे सुकून से पढ़ सके। इन्हीं कारणों से प्रतिदिन करीब 80 से 130 छात्र अलग-अलग ग्रुप बना कर सैनिक गार्डन में आते हैं और यहां सुकून से अध्यन करते हैं।
उन्होंने बताया कि पूर्वी उपनगर में चेंबूर वेलफेयर ब्रिगेड सामाजिक कार्यो के लिए हमेशा सक्रिय रहती है। ऐसे में अलग-अलग समस्याओं से जूझ रहे इन छात्रों को हमारा सहयोग बेहद जरूरी था। पंडित ने यह भी कहा कि इस प्रकार के सामाजिक कार्यो से हम लोगों को काफी शांति मिलती है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे साथ चेंबूर की अन्य सामाजिक संस्थाएं भी हैं जो इस तरह के कार्यो में हमारा हाथ बटाती है। ब्रिगेड द्वारा करीब दो सप्ताह से यहां आकर पढ़ने वाले सभी ग्रुप के छात्रों को नाश्ते में समोसा, बिस्किट और चाय मुहैया कराया जाता है।
गौरतलब है कि चेंबूर का सैनिक गार्डन बारबालाओं व वेश्याओं का पिकअप पॉइंट था। चेंबूर परिसर के इस गार्डन में दलालों द्वारा लड़किया स्पलाई की जाती थी। लेकिन जब से छात्रों ने इसे अपना ओपन क्लास बनाया है, तभी से पिकअप पॉइंट लगभग समाप्त हो चुका है।
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