विभिन्न मुद्दो को लेकर प्रबंधन के साथ क्षेत्रीय सलाहकार समिति की वार्ता

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में कथारा महाप्रबंधक कार्यालय सभागार में 8 जनवरी को क्षेत्रीय सलाहकार समिति और प्रबंधन के साथ विभिन्न मुद्दों को लेकर वार्ता का आयोजन किया गया। अध्यक्षता क्षेत्र के महाप्रबंधक एमके पंजाबी (General manager MK Punjabi) तथा संचालन क्षेत्रीय प्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन जयंत कुमार ने की।

आयोजित बैठक में तीन एजेंडा पर वार्ता किया गया, कथारा प्रक्षेत्र के सीसीएल कर्मियों के कोविड-19 सुरक्षा, कोयला उत्पादन में वृद्धि कैसे हो और कामगारों की पदोन्नति पर विस्तृत चर्चा किया गया।

इस अवसर पर सलाहकार समिति सदस्यों के द्वारा कोविड-19 सुरक्षा को लेकर कथारा क्षेत्रीय अस्पताल (Hospital) में विशेष विधि व्यवस्था पूर्व की भांति करने पर बल दिया। वही पदोन्नति को लेकर पूर्व में 450 कामगारों को दिया गया, जिसकी जानकारी उप कार्मिक प्रबंधक गुरु प्रसाद मंडल ने दिया।

बाकी बचे लोगों को एक सप्ताह के भीतर करने की बात कही गयी। अगले बजट में एसीसी (ACC) सदस्यों के साथ बैठक कर प्रमोशन पर आगे की रणनीति तय करने पर सहमति बनी।

क्षेत्र के उत्पादन के विषय में सभी ने एक मत से कंधे से कंधा मिलाकर टारगेट के समीप पहुंचने पर बल दिया। बताया गया कि कथारा क्षेत्र में वर्तमान में गोविंदपुर और जारंगडीह से ही उत्पादन हो रहा है, जबकि सीटीओ को लेकर कथारा कोलियरी बंद है।

भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध सीसीएल सीकेएस (CCL CKS) के क्षेत्रीय सचिव राज कुमार मंडल ने कहा कि क्षेत्र में आउटसोर्सिंग से कार्य नहीं हो रहा है। विभाग के द्वारा ही उत्पादन पर ध्यान देना है। कोविड-19 सुरक्षा को लेकर भी उन्होंने सतर्क रहने की बातें कहीं।

बैठक में पूर्व में कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन (Lockdown) में क्षेत्र में पेयजल की समस्या को लेकर टैंकरों के द्वारा कथारा व जारंगडीह में किये गये जलापुर्ति पर हुए खर्च को लेकर सवाल खड़े किये गए। यहां बिजली संकट पर जीएम पंजाबी द्वारा बताया गया कि पूरे कथारा क्षेत्र में 47 कॉलोनी है।

जिसमें कथारा के साथ 7 और 8 कॉलोनियों में आज विद्युत संकट ट्रांसफार्मर की वजह से गहराया हुआ है। उन्होंने बताया कि अभी लोग ठंड के समय हीटर जलाने पर विशेष ध्यान दिए हुए हैं। यदि इंडक्शन चूल्हा का प्रयोग करें तो कुछ हद तक बिजली समस्या कम होगी।

उन्होंने बताया कि कुछ कॉलोनी में इंसुलेटर और ट्रांसफार्मर की व्यवस्था कराने से कुछ हद तक बिजली की समस्या पर निजात पाया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले तीन-चार दिन में 5 केवीए का ट्रांसफार्मर लग जाएगा, जिससे बिजली की समस्या दूर होगी।

वही जमसं क्षेत्रीय सचिव कामोद प्रसाद ने उत्पादन को लेकर खास ध्यान देने पर बल दिया, ताकि टारगेट पुरा किया जा सके। उन्होंने कथारा वाशरी में कार्यरत महिला कामगार ललिता देवी के एरियर का मामला उठाया।

वार्ता में क्षेत्र के मंदिरों और मस्जिदों की मरम्मति मामले को लेकर तमाम सलाहकार समिति सदस्यों ने ध्वनि मत से मरम्मति कार्य करने की मांग की, जिसपर प्रबंधन ने सहमति जताई। युनियन नेता सचिन कुमार ने कहा कि जारंगडीह में ऑपरेटर के अभाव में मात्र एक शॉवेल चलाया जा रहा है।

खदान जलाप्लावित रहने के कारण कोयला निकासी संभव नहीं हो पा रहा है। पंप को बढ़ाने की आवश्यकता है। क्योंकि कोयला पानी में डूबा हुआ है। उन्होंने कहा कि वहां डोजर ऑपरेटर की कमी है। टाटा ब्लॉक की शिफ्टिंग के संबंध में प्रबंधन से मांग की गयी कि यूनिट स्तर पर प्रबंधन के साथ वार्ता होनी चाहिए, ताकि यूनिट स्तर से बहुत मामला छन कर ऊपर आएगा।

वार्ता में यूनियन की ओर से राज कुमार मंडल, रामेश्वर साव, कामोद प्रसाद, पीके विश्वास, अनूप कुमार स्वाइं, बालेश्वर गोप, सचिन कुमार, शमशुल हक, नागेश्वर करमाली, पीके जयसवाल तथा प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक के अलावा सी बी तिवारी, एनके दुबे, जयंत कुमार, एसएन शर्मा, जी नाथ, जयंता विश्वास, केके झा, सुमन कुमार, डॉ एम एन राम, गुरुप्रसाद मंडल, चंदन कुमार, जयंत साहा आदि उपस्थित थे।

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