बालिडीह थाना प्रभारी समेत दोषी पुलिसकर्मीयों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
एस.पी.सक्सेना/बोकारो। बीते माह बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में बालिडीह पुलिस द्वारा चोरी के संदेह के आधार पर स्थानीय एक शिक्षक की बर्बरतापूर्ण पिटाई के खिलाफ युनाइटेड मिल्ली फोरम, एसोसिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (Association for protection of sivil Rights) व झारखंड लोकतांत्रिक मंच ने मोर्चा खोल दिया है। इस संबंध में संयुक्त बयान जारी कर बालिडीह थाना प्रभारी समेत दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की गयी है।
इस संबंध में यूएमएफ के प्रदेश महासचिव अफजल अनीस ने 4 जनवरी को बताया कि बीते साल 30 दिसंबर को बालीडीह थाना प्रभारी नूतन मोदी द्वारा थाना के हद में मखदूमपुर निवासी शिक्षक अमानत हुसैन व उसकी पत्नी साबरा बेगम को थाना बुलाकर चोरी के आरोप में बंद किए जाने, आदि।
थाना प्रभारी मोदी व उनके सहयोगी पुलिस कर्मी के द्वारा दोनों को थाना के अंदर रस्सी से बांध कर बुरी तरह मारपीट किए जाने, अमानत हुसैन के पैर के नाखून उखाड़ने व दुर्व्यवहार किए जाने की सूचना सुर्खियों में आने के बाद 4 जनवरी को उक्त स्थल का दौरा किया।
दौरे में यूएमएफ झारखंड, एसोसिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स व झारखंड लोकतांत्रिक मंच का एक संयुक्त दल जिसमें फोरम के प्रदेश महासचिव अफजल अनीस, मनोज कुमार, एपीसीआर के झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष एडवोकेट रेजाउल्लाह अंसारी, सचिव जियाउल्लाह, तमन्ना बेगम और मिन्हाज अख्तर, झारखंड लोकतांत्रिक मंच के संयोजक अशोक वर्मा, आफताब आलम, मुस्ताक ने मखदुमपुर जाकर अमानत हुसैन व पीड़ित परिवार से भेंट की।
टीम के अनुसार अमानत अंसारी तथा उनकी पत्नी साबरा बेगम ने बताया कि वे लोग बेकसूर हैं। चोरी का आरोप लगाकर थाना प्रभारी व अन्य पुलिस वालों ने उन्हें बुरी तरह से शारीरिक प्रताड़ना एवं टॉर्चर किया है। जिससे दोनों बुरी तरह से जख्मी हो गए है।
अमानत ने बताया कि उनके घर के सामने हाज़ी यूनुस हाशमी का घर है। हाशमी बराबर अपने घर से बाहर रहते है। घर की चाबी अमानत अंसारी को दिया करते थे। अमानत अंसारी ने बताया कि यूनुस हासमी ने मुझे आग्रह किया कि मैं अपनी बेटी की इलाज़ हेतु दिल्ली गुड़गांव जा रहा हूं। जब तक मैं वापस न आ जाऊं तब तक आप मेरे घर में रहेंगे।
टीम के अनुसार यूनुस हासमी के कहने पर अमानत अंसारी ने घर की चाबी ले ली। अमानत अंसारी ने बताया कि 15 दिसंबर को अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई जिसके कारण वो यूनुस हाशमी के घर रात में सोने के लिए नहीं जा सके। विडंबना यह हुई कि उसी रात यूनुस हाशमी के घर का ताला तोड़कर चोरों ने चोरी कर ली।
जिसका पता अमानत अंसारी को सुबह चला। जिसकी जानकारी उन्होंने यूनुस हाशमी को दिया तथा उनके भाई जफर हाशमी के साथ बालिडीह थाने में तहरीर दी। अमानत अंसारी ने बताया कि 30 दिसंबर की रात 7:30 बजे थाने से फोन आया एवं उन्हें थाना बुलाया गया। थाना के आग्रह पर अमानत अंसारी तथा उनकी पत्नी थाना चली गई। जहां पर उन्हें एवं उनकी पत्नी को थाना में बंद कर बुरी तरह पीटा गया।
टीम ने आस पास के रहिवासियों से भी बात की। जिसमे लोगों ने बताया कि अमानत अंसारी एक शरीफ तथा इज्जतदार आदमी है। उन्हें नहीं लगता कि अमानत अंसारी ने कोई चोरी की है। टीम ने पीड़ित परिवार के साथ जिस मकान में चोरी हुई उसके मालिक यूनुस हाशमी से भी मुलाकात की। पूछताछ के क्रम में मकान मालिक ने बताया कि अमानत अंसारी निर्दोष है।
उसे हमने अपने घर की देखभाल के लिए जिम्मा लगाया था। दुर्भाग्यवश उसी रात चोरी की घटना घटी। उस रात में तबीयत खराब होने की वजह से मेरे घर में सो नहीं सके।
अगल-बगल के लोगों से पूछताछ करने में पता चला कि शिक्षक एक शरीफ आदमी है। वह मानवता के आधार पर यूनुस हाशमी के घर की देखभाल करते थे।
इस सिलसिले में टीम ने मुख्यालय डीएसपी मुकेश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की परंतु अपने ऑफिस में अनुपस्थित थे। पुलिस कर्मी अशोक वर्मा ने उनसे दूरभाष पर संपर्क करने पर कहा कि मैंने अपना रिपोर्ट एसपी साहब को सौंप दिया है। आप उनसे रिपोर्ट प्राप्त कर लें।
यूएमएफ महासचिव अनीस ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अमानत अंसारी के साथ अन्याय पूर्ण तरीके से और
बर्बरता पूर्ण तरीके से पुलिस की हिरासत में टॉर्चर किया गया है।
संयुक्त दल सरकार से यह मांग करती है कि उपरोक्त कांड में संलिप्त थाना प्रभारी व सहयोगी पुलिस कर्मियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए व उच्च स्तरीय कमिटी द्वारा जांच कराकर दोषी पुलिस कर्मियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही अमानत हुसैन का बेहतर इलाज कराया जाए व उनको मुआवजा भी दिया जाए।
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