बिना डर के छात्रों को फासीवादी सरकार के खिलाफ निर्णायक संघर्ष शुरू करना चाहिए-डॉ प्रभात
एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। शैक्षणिक अराजकता, भ्रष्टाचार के पोषक फासीवादी सरकार के खिलाफ मुकदमा, जेल, हत्या से डरे बगैर छात्रों को संघर्ष शुरू करना चाहिए।
समस्तीपुर शहर (Samastipur city) के मगरदही घाट स्थित भगत सिंह स्मारक स्थल पर 13 दिसंबर को आइसा, एसएफआई, एआईएसएफ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कुलपति, कुलसचिव हटाओ- मिथिला यूनिवर्सिटी बचाओ” नागरिक कन्वेंशन को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए जाने माने शिक्षाविद डॉ प्रभात कुमार ने कहा।
उन्होंने कहा कि छात्रों को किसान आंदोलन से सीख लेकर किसी भी समस्या पर जारी संघर्ष को निर्णायक स्थिति में ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार के करीब तमाम यूनिवर्सिटी में एक जैसा माहौल है। सभी यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक अराजकता व्याप्त है। आज कालेज में शिक्षा के बजाय भ्रष्टाचार पैर पसार लिया है।
उन्होंने कहा कि एक सर्टीफिकेट निकालने के लिए छात्रों को घूस देने को मजबूर होना पड़ता है। वीसी कॉलेज दौरा शिक्षा में सुधार के लिए नहीं करते, वे भवन का उद्घाटन करने के लिए कॉलेज का दौरा करते है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में आज प्रोफेसर का पद खाली है। शिक्षा को बाजार के हवाले कर दिया गया है।
अब गरीब के बच्चे बेहतर शिक्षा नहीं ले सकते। करीब तमाम यूनिवर्सिटी के हेड साजिश के तहत बिहार के बजाय उत्तर प्रदेश के पदधारकों को बनाया जा रहा है। नीतीश कुमार आज कमजोर मुख्यमंत्री साबित हो रहे हैं। बिहार के शिक्षा जगत पर अघोषित रूप राजभवन के माध्यम से योगी शासन चलाया जा रहा है।
डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि आज छात्रों को शिक्षा, रोजगार, अपना भविष्य बचाने को लड़ाई को एकताबद्ध रूप से तेज करना होगा। इसके लिए बड़ी भागीदारी के लिए स्कूल, कॉलेज, शिक्षक, प्रोफेसर के अलावे अभिभावकों से भी मिलकर संघर्ष के बारे में बताना चाहिए, ताकि निर्णायक संख्या में छात्र- छात्राएं आंदोलन में शिरकत कर सके।
उन्होंने आंदोलनकारी छात्रों से आह्वान करते हुए कहा कि करीब 8 सौ किसानों ने शहादत देकर फासीवादी मोदी सरकार को झुकाया है। छात्रों को भी केस-मुकदमा, जेल, शहादत देने से डरे बगैर निर्णायक आंदोलन शुरू करना चाहिए।
कन्वेंशन की अध्यक्षता तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडल लोकेश राज, अवनीश कुमार, सुधीर कुमार ने किया। संचालन सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर मनीषा कुमारी, द्रख्शा जबीं, रौशन कुमार, उदय कुमार, राहूल राय, अविनाश कुमार, अधिवक्ता आनंद राज, आदि।
गंगा प्रसाद पासवान, राजू झा, संजीव कुमार, अभिषेक कुमार, अनील कुमार, मनीष कुमार, रवि रंजन कुमार, चंदन कुमार, मुकेश यादव, भाकपा माले के सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, एसएफआई के पूर्व जिला मंत्री सुबोध कुमार समेत अन्य नेताओं ने कन्वेंशन को संबोधित किया।
कन्वेंशन में मिथिलांचल विश्वविद्यालय के कुलपति, कुल सचिव को हटाने को लेकर 15 दिसंबर को मिथिलांचल बंद पर समस्तीपुर बंद करने का राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया गया
। इसे ध्वनि मत से उपस्थित छात्रों से पारित कर दिया। कन्वेंशन की शुरुआत शिक्षाविद डॉ प्रभात कुमार द्वारा शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह की मूर्ति पर गगनभेदी नारे के बीच माल्यार्पण कर शुरू किया गया।
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