मामला दिल्ली में सम्पन्न छोटे भांजे पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी की सगाई से जुड़ी
संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। राज्य में कई महीनों से सियासी हलचलों के बीच एक नया मोड़ आता दिख रहा। जिसके अगुआ भी लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्य बने हैं।
दिल्ली में सम्पन्न छोटे भांजे एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी की सगाई को लेकर इस बार लालूप्रसाद यादव के साले साधु यादव का पारा सातवें आसमान पर है।
इसे लेकर मीडिया (Media) में साधु यादव द्वारा अपने भांजे तेजस्वी के प्रति तल्ख टिप्पणी ने राष्ट्रीय जनता दल को इस बार पुरे का पुरा बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है।
हालांकि बिहार के पूर्व उपमुख्मंत्री सह युवा नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की बीते दिनों दिल्ली में सम्पन्न हुई सगाई और शादी महज एक सामान्य जीवन चर्या भी हो सकती है। जिस तरह से उनकी शादी के बाद शोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक न्यूज़ रिपोर्ट में उनके मामा साधु यादव भड़कते हुए उन्हें सामाजिकता का संदेश आक्रोशपूर्ण लहजे में दे रहे।
उसके क्या निहितार्थ हो सकते हैं ? यह भी सवाल उठना लाजिमी है कि क्या यह बयान किसी असंतोष की तरफ तो इशारा नहीं करता ? या इसके कोई बड़े सामाजिक या राजनीतिक निहितार्थ हैं, जो आगे दृष्टिगोचर होने वाला है ?
खैर समाजसेवी सह रिश्तेदार साधु यादव ने जिस अंदाज में एक पूर्व उपमुख्यमंत्री को सामाजिक ज्ञान देने की कोशिश एक अभिभावक का स्वरूप दर्शाते हुए की, यह यूं ही नहीं हो सकता।
ज्ञात हो कि वर्षों का राजनीतिक अनुभव रखते है लालू प्रसाद के साले साधु यादव। जी हां ये कुछ जानकारों की चर्चा में है कि क्या एक न्यूज़ रिपोर्ट विजुअल में इतने अनुभवी और मजबूती के साथ राजनीतिक समाज में पैठ बना चुके साधु यादव के शब्द बस यूं ही? या फिर आगे इसके कुछ सकारात्मक परिणाम भी दृष्टिगत हो सकेंगे ?
सवाल सभी बिहार वासियों के मन में उमड़ने लगा है। यह कहना है बहुत से उन लोगों का जो राजद से जुड़ी बातों में निष्ठा से दिलचस्पी लेते रहें हैं। साथ ही पार्टी के वफादार समर्थक भी रहे हैं। हालांकि यह पारिवारिक मामला है। ऐसे इस शादी की चर्चा देशभर में हो रही है। बिहारियों में खास चर्चा हो रही है। इसलिए सभी की निगाहें ऐसी जुड़ी बातों पर टिक ही जा रही है।
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