प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। गिरिडीह जिला (Giridih district) के हद में बगोदर प्रखंड के जरमुने पश्चिमी पंचायत अंतर्गत संतरूपी महुरी में एक देवर ने अपनी विधवा भाभी से आठ साल बाद विवाह रचाकर समाज में एक मिसाल पेश की है। इसकी चहुंओर प्रशंसा हो रहा है।
बताया जाता है कि बगोदर प्रखंड के जरमुने पश्चिमी पंचायत संतरूपी (महुरी) निवासी लक्ष्मण सिंह के प्रथम पुत्र अर्जुन सिंह की शादी हजारीबाग जिला के हद में टाटीझरिया प्रखंड के बोधा निवासी धनेश्वर सिंह की पुत्री गुड़िया कुमारी के साथ वर्ष 2010 में शादी हुई थी। दो वर्ष बाद अर्जुन सिंह का आकस्मिक निधन हो गया।
पति के निधन के बाद वह साजो-सामान के साथ अपने परिवार वालो के साथ मायके चली गयी थी। फिर दोनों परिवार वालो को लगा कि फिर से रिश्ता जोड़ा जाय। आठ वर्ष के बाद फिर एकबार लक्ष्मण सिंह के द्वितीय पुत्र गंगाधर ने अपनी विधवा भाभी गुड़िया देवी से विवाह रचाने की रजामंदी देकर समाज में एक सकारात्मक पहल की।
उसने बीते 30 नवम्बर को अपनी भाभी से बिना मांग दहेज के शादी रचाकर समाज में एक नया मिसाल पेश किया। वही गंगाधर का यह प्रयास समाज के बीच काफी सराहनीय माना जा रहा है।
स्थानीय समाजसेवी सिकन्दर अली ने दोनों दाम्पत्य जीवन की सुखमय की कामना करते हुए कहा कि पूरा समाज गंगाधर सिंह के प्रयास की तारीफ कर रहा है। यह निर्णय निश्चित रूप से स्वागत योग्य है। इससे समाज में विधवा विवाह को प्रोत्साहन मिलेगा।
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