चमत्कार है या अन्होनी के संकेत.. . ?
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। छठ महोत्सव के बाद चेंबूर के चरई तालाब का पानी गंदा (Pond water dirty) होने के साथ-साथ अज्ञात कारणों से करीब 12 दिनों बाद एका एक पानी के उपरी सतह पर हरे रंग की परतें जम गई।
बताया जाता है कि हरे भरे परत देखने में सुंदर लगते हैं। लेकिन किसी अन्होंनी कि आशंका को देखते हुए मनपा द्वारा चरई तालाब के उक्त पॉड की सफाई रविवार को करा दी। इस तालाब की देख रेख करने वाले आर्श्चयचकीत है, क्योंकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार छठ महोत्सव के अंतिम समय में 10 और 11 नवंबर को राज्य सरकार (State Government) व मनपा द्वारा महज दो दिनों के पूजा मनाने की अनुमति दी गई थी। ऐसे में समय की किल्लत को देखते हुए छठ मईया के श्रद्धालुओं ने पुजा कि विधियों को पूरा किया।
लेकिन करीब 12 दिनों बाद चेंबूर के चरई तालाब में पानी कि सतह के उपरी हिस्से पर हरे रंग की परतें देखी गई। क्या यह कोई चमत्कार है या ? यहां सवाल यह भी उठता है कि चेंबूर (Chembur) के सदगुरू स्वामी जयरामदास कुंज उद्यान के सामने स्थित चरई तालाब का पानी गंदा होने साथ-साथ अज्ञात कारणों से उसके उपरी सतह पर हरे रंग की परते कैसे जम गई।
क्या यहां कोई ईश्वरीय शक्ति है या शरारती तत्वों की शरारत ? क्योंकि उक्त तालाब की देख रेख करने वाले व रविवार (Sunday) को सफाई कर्मियों को इसकी कोई जानकारी नहीं है।
नाम न छपने की शर्त पर चरई तालाब कि देख-रेख करने वाले ने बताया कि मैं पिछले 15 ,17 वर्षो से इस तालाब की देख रेख करता हूँ। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।
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