यूनियनों ने कसी कमर, अब तेज होगा आंदोलन
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। मौजूदा केंद्र सरकार (Central Government) की निजीकरण कि नितियों के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध अन्य यूनियनों ने गुरूवार को देशव्यापी आंदोलन किया।
भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) का नारा है सार्वजनिक क्षेत्र बचाओ राष्ट्र बचाओ, कुल 10 मांगो को लेकर बीएमएस (BMS) से संबद्ध आरसीएफ (RCF) कर्मचारी संघ द्वारा कंपनी के गेट नंबर वन के सामने जोरदार प्रदर्शन किया।
इस आंदोलन में सार्वजनिक क्षेत्र समन्वय समिति के सदस्यों ने केंद्र सरकार की इन नीतियों के खिलाफ जम कर बोला और मुर्दाबाद के नारा लगाये।
मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्दोगों को निजीकरण के नाम पर बेचने का सिलसिला शुरू किया है। इसके तहत एक-एक कर उद्योगों को बेचा जा रहा है। जोकि देश के लिए घातक है।
बता दें कि बीएमएस ने सिलसिलेवार तरीके से अपनी मांगों को उठाया है। बीएमएस के प्रमुख मुद्दों में सार्वजनिक क्षेत्र के विनियमन, निजीकरण, मुद्रीकरण, निगमन और नियोजित बिक्री को रोके । 2, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा कम करने पर विचार करे।
3, बैंकों, बीमा और सार्वजनिक क्षेत्र के विलय को लुप्त होने से बचाए। 4, कोयला क्षेत्र का व्यावसायीकरण बंद करो। 5 ,बीएसएनएल और एमटीएनएल को पुनर्जीवित करने के लिए नये पैकेज का ऐलान करे। 6, नए श्रम कानून में श्रम विरोधी प्रावधानों को निरस्त करे।
7, बीएसएनएल, एमटीएनएल, आईटीआई, आदि का एक तिहाई पीआरसी को शेष सार्वजनिक क्षेत्रों में लागू करे। 8, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में सुधार किया जाना चाहिए। 9, घाटे में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को पुनर्जीवित या फेरबदल करना चाहिए। 10 , बीपीसीएल का निजीकरण तुरंत रोकें आदि ।
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