कम उम्र की महिलाओं को भी हो सकता है खतरा
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। मौजूदा समय में कैंसर कि बीमारी आम होती जा रही है। लेकिन महिलाओं में ट्रिपल नेगेटिव स्तन कैंसर सबसे खतरनाक है। ऐसे मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है।
हालांकि इस बीमारी के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। भारत में हर तीन में से एक महिला ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर कि शिकार होती है।
लेकिन 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को यह कैंसर होने की अधिक संभावना होती है। इसलिए ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के बारे में समाज की महिलाओं को जागरूक करने कि बेहद जरूरत है। यूं तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर आम बीमारी है।
अनुभवी चिकित्सकों के अनुसार हर इंसान के शरीर में बीआरसीए 1 और बीआरसीए 2 नामक जीन होते हैं। ऐसे में जब ये जीन किसी कारण से शरीर में ठीक से काम नहीं कर पाते हैं, तो ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (Triple Negative Breast Cancer) होने की संभावना बढ़ जाती है।
स्तन कैंसर की तुलना में ट्रिपल नेगेटिव स्तन कैंसर अधिक खतरनाक होता है। जिसका निदान भयावह, निराशाजनक और असहज हो सकता है। इस लिए ऐसे कैंसर का शीघ्र निदान और होना बेहद जरूरी है।
स्तन कैंसर में भी हार्मोन रिसेप्टर्स
अपोलो स्पेक्ट्रे हॉस्पिटल मुंबई के ओंको ब्रेस्ट सर्जन डॉ. रेशमा पालेप ने कहा कि, इन कैंसर ट्यूमर कोशिकाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन रिसेप्टर्स या बड़ी मात्रा में एचईआर 2 प्रोटीन नहीं होते हैं।
यह कैंसर हार्मोन थेरेपी दवाओं या -एचईआर 2 प्रोटीन रिसेप्टर्स को लक्षित करने वाली अन्य दवाओं का जवाब देने में विफल रहता है। स्तन कैंसर की कोशिकाओं में भी ये हार्मोन रिसेप्टर्स होते हैं। जिसका इलाज करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। विभिन्न शोध निष्कर्षों के अनुसार, यह युवा महिलाओं में आम है।
देश में हर 8 वीं महिला को ब्रेस्ट कैंसर कोहिनूर अस्पताल कुर्ला के हेड ओंको सर्जन डॉ. अमित गांधी ने कहा कि, त्वचा में जलन, निप्पल में जलन, खुजली या जकड़न। इस कैंसर को अधिक आक्रामक माना जाता है और अन्य प्रकार के स्तन कैंसर की तुलना में इसका जल्दी निदान नहीं होता है।
यह कैंसर अन्य प्रकार के कैंसर से ज्यादा गंभीर है। 8 में से एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर होता है। ब्रेस्ट में गांठ पाए जाने पर मरीज की उम्र के हिसाब से ब्रेस्ट सोनोग्राफी या मैमोग्राफी करानी चाहिए। इस कैंसर का इलाज हर महिला में अलग-अलग होता है। हालांकि, इन जानलेवा कैंसर का इलाज सर्जरी, लम्पेवटोमी, मास्टेवटॉमी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी से किया जा सकता है।
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