रेलवे ने 11 स्टेशनों पर नहीं दी जगह
मुंबई। पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभू द्वारा 10 मई 2017 को शुरू की गई वन रूपी क्लिनिक अब दम तोड़ते जा रही है। जबकि शुरूआती दौर में यह कहा गया था की इसे चरणबद्ध तरीके से इसे 19 स्टेशनों पर शुरू किया जाएगा। लेकिन 1 रूपी क्लिनिक मजह चार महीनों में ही दम तोड़ती नजर आ रही है।
गौरतलब है कि 10 मई को पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने घाटकोपर स्टेशन से इसकी शुरूआत की थी। माना जा रहा है कि मंत्री जी के साथ उनकी योजनाएं भी खटाई में पड़ती नजर आ रही है। मुंबई के रेलवे स्टेशनों चल रहे 1 रुपये में इलाज की सुविधा जल्द ही बंद होने के आसार हैं। 1 रुपी क्लिनिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने रेलवे को एक पत्र लिखकर सूचित किया है कि रेलवे ने अभी तक 11 स्टेशनों पर क्लिनिक की जगह नहीं दी है, जबकि इसके लिए डिपॉजिट दिया जा चुका है।
ऐसे में उन्होंने वन रुपी सेवाएं बंद करने का फैसला किया है। ऐसे में अगर रलवे ने कोई फैसला नहीं किया तो यह सेवाएं तीन दिन के अंदर बंद कर दी जाएगी। डॉ. राहुल घुले ने दावा किया है की मरीजों को बगैर किसी दिक्कत के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाती थी। जबकि उपचार संबंधित एक भी शिकायत क्लिनिक या रेलवे को नहीं मिली है। बताया जाता है कि मैजिक दिल और सेंट्रल रेलवे के आपसी सहयोग से सेंट्रल और हार्बर लाइन के 8 स्टेशनों पर 1 रुपी क्लिनिक की शुरुआत की गई थी।
इसे मुंबई के कुल 19 स्टेशनों पर शुरू किया जाना था। इस मुद्दे पर डॉ. राहुल घुले का कहना है कि रेलवे ने उनसे 19 स्टेशनों के लिए 19 लाख रुपये डिपॉजिट के तौर पर लिए हैं। लेकिन अब तक 8 स्टेशनों पर विलनिक शुरू करने के लिए जगह मुहैया कराई गई। अभी दादर, कुर्ला, घाटकोपर, ठाणे, मुलुंड, वडाला रोड, वाशी और मानखुर्द स्टेशनों पर वन रुपी सेवाएं दी जा रही हैं। डॉ घुले के अनुसार 115 दिनों में 20,000 लोगों का उपचार किया गया। जबकि 6,000 पैथलॉजिकल जांच की गई, एक प्रसव कराया गया। 200 ऐसे लोगों की जान बचाई गई, जो ट्रेन दुर्घटना का शिकार हुए थे।
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