एस.पी.सक्सेना/बोकारो। झारखंड अभिभावक महासंघ एवं गुरु गोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल चास के अभिभावको का प्रतिनिधि मंडल 22 सितंबर को बोकारो जिला उपायुक्त (Bokaro district Deputy Commissioner) से मिला। प्रतिनिधि मंडल में राकेश मधु, नीरज पटेल, सरोज सिंह एवं स्वीटी गुप्ता शामिल थे। उपायुक्त से मिलकर प्रतिनिधिमंडल ने अपनी बातों को रखा एवं ज्ञापन सौंपा।
मौके पर उपस्थित अभिभावक महासंघ के बोकारो जिला संरक्षक राकेश मधु ने कहा बिते 1 सप्ताह पहले जीजीपीएस स्कूल में जिस प्रकार अभिभावकों के साथ धक्का-मुक्की की गई यह उचित नहीं है।
सरकार एवं जिला प्रशासन के निर्देश के बाद भी निजी स्कूल मनमाने ढंग से 15 से 20 परसेन्ट फीस बढ़ोत्तरी, एनुअल चार्ज, बिजली खर्च, कंप्यूटर चार्ज और भी कई प्रकार के चार्ज जोड़कर अभिभावकों पर आर्थिक और मानसिक दबाव बना रहे हैं। यह गलत है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त के द्वारा आश्वासन दिया गया है। जल्द ही इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावक महासंघ के जिलाध्यक्ष नीरज पटेल ने कहा कि ऐसी सूचना कई अभिभावकों द्वारा अभिभावक महासंघ को प्राप्त हुई है, जिसमें अभिभावकों ने कहा है कि स्कूल के प्रिंसिपल के पास अपनी आर्थिक पीड़ा या एनुअल चार्ज या बढी हुई फीस के मुद्दे पर बात करने पहुंचे थे।
अभिभावक अपनी पीड़ा लेकर स्कूल जा रहे हैं, तो बोकारो में संचालित निजी विद्यालय अभिभावकों के साथ अभद्र व्यवहार या धक्का-मुक्की किया गया है। उनकी बातों को सुनना तो दूर की बात है, उनके साथ गाली गलौज एवं धक्का-मुक्की की जा रही है। महासंघ इसे कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यवहार में निजी विद्यालय परिवर्तन लाए, नहीं तो अभिभावक महासंघ ऐसे स्कूलों के गेट पर ताला जड़ने का काम करेगा। उन्होंने साफ शब्दों में बोकारो में संचालित सभी निजी विद्यालयों को आगाह किया कि वे अपने व्यवहार में परिवर्तन लाएं और अभिभावकों का सम्मान करें।
क्योंकि अभिभावकों के पैसे से ही उनका विद्यालय चलता है और विद्यालय से जुड़े सभी लोगों का घर चलता है। इसलिए अभिभावक ही स्कूल के कर्ताधर्ता हैं। उनका सम्मान करें। उन्होंने कहा कि इस कोरोना काल में पूरा देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इस आर्थिक संकट से सभी लोग परेशान हैं। कईयों के रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।
अब धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर आ रही है। स्कूल अभिभावकों की दशा को समझे और उनके साथ नरमी दिखाएं, क्योंकि शिक्षा कोई व्यापार नहीं है। शिक्षा को शिक्षा का मंदिर ही रहने दे। व्यापार ना बनाएं। मौके पर महासंघ के उपाध्यक्ष शंभू प्रसाद, महासचिव अजित ठाकुर, नीरज सिंह, सरोज सिंह, स्वीटी गुप्ता, प्रिती गुप्ता, आशा देवी आदि अभिभावकगण उपस्थित थे।
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