कुर्ला में गणेश पंडाल ढहा
मुंबई। अमरदीप मित्र मंडल द्वारा आयोजित 46वां गणेशोत्सव मंगलवार को आंधी पानी की भेंट चढ़ गया। जिसके कारण मंडल के सदस्यों ने दस दिनों के गणपति बप्पा को महज पांच दिनों में ही विदा करना पड़ा। इसका मलाल मंडल के सभी सदस्यों को है। इसके बावजूद मंडल के सदस्यों ने फैसला किया है कि प्राचीन परंपराओं के अनुसार आरती व भजन आदि का कार्यक्रम चलता ही रहेगा।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को आई भयंकर आंधी- पानी में कुर्ला पूर्व के अमरदीप मित्र मंडल द्वारा बनाया गया पंडाल उड़ गया। वहीं लगातार पानी से भीगने के कारण भगवान गणेश की प्रतिमा भी पूरी तरह नष्ट हो गया। इसे देखते हुए मंडल के संस्थापक एवं अध्यक्ष भास्कर म्हात्रे उपाध्यक्ष अंबादास कवडे और सुरेंद्र गायकवाड ने सर्वसम्मति से गणेश जी की मूर्ति को चेंबूर के तीन तालाव में विसर्जित कर दिया।
भारी बारिश के दौरान करीब तीन किलोमीटर कमर तक लबालब भरे पानी में चलकर मंडल के अन्य सदस्यों ने नेहरूनगर पुलिस के सहयोग से विसर्जन किया। मंडल के अध्यक्ष म्हात्रे ने बताया कि अब कुर्ला पूर्व के अलीदादा स्टेट में स्थित शंकर मंदिर में आरती, पूजा व महाप्रसाद की विधि को पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि 46 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है। इस बार पंडाल के अंदर श्री कृष्ण भगवान की जीवनी पर एक चित्र दिखाया गया था, जहां भगवान कुछ गाय को लेकर चरा रहे थे।
म्हात्रे के अनुसार इससे पहले 1971 में भी गणेशोत्सव के दौरान भारी बारिश हुई थी लेकिन इस मंडल को कोई नुकसान नहीं पहूंचा था। 1971 से चल रहे कुर्ला पूर्व स्थित नेहरूनगर के अमरदीप मित्र मंडल में हिंदू मुस्लिम सभी जाति के धर्म के सदस्य हैं। भारी बारिश के कारण हुए इस हादसे से बप्पा के सभी भक्त दुखी हैं।
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