एस.पी.सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिले (Bokaro district)c में छोटे-छोटे कार्य और प्रयास महिला सशक्तिकरण को गति दे रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र की कई महिलाओं ने स्व-सहायता समूहों से जुड़कर छोटे-छोटे कार्यों से आर्थिक आत्म-निर्भरता प्राप्त की है। कल तक जो महिलाएं मजदूरी के लिए मोहताज थीं, वे अब स्वयं का रोजगार सफलता से चला रही हैं।
सब्जी उत्पादन को अपनाकर राधा ने संवारी अपनी तकदीर
ऐसी ही उद्यमी महिला बोकारो जिला के हद में कसमार की राधा देवी हैं। जिन्होंने सब्जी उत्पादन से अपनी तकदीर संवारी है। मजदूरी करने वाली राधा अब हर महीने 8 से 12 हजार रूपये की कमाई कर रही हैं।
जानकारी के अनुसार पहले राधा देवी गांव में मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करती थी। दूसरे किसानों से बंटाई पर जमीन लेकर थोड़ी बहुत खेती कर पाती थीं। इससे उनके परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से चल पाता था। राज्य सरकार के झारखंड स्टेट लाइवलीहूड प्रमोशन सोसाइटी ने राधा देवी को स्व-रोजगारी बनने के लिए प्रेरित किया और अवसर भी दिया।
सोसाइटी द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह से जुड़कर राधा ने सब्जी उत्पादन की उन्नत तकनीक सीखकर स्वयं की जमीन तथा बंटाई पर जमीन लेकर विभिन्न सब्जियों का उत्पादन शुरू किया। खेतों में लौकी व अन्य सब्जियों की अच्छी फसल मिलने लगी।
आज गांव तथा आस-पास के हाट बाजारों में सब्जी बेचकर राधा आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर हो गई है। उन्होंने टपक सिंचाई एवं नई तकनीकी मदद से लौकी की बंपर उपज की है। अब तक उन्होंने लगभग डेढ़ क्विटंल लौकी का उत्पादन किया है। इससे अच्छी आमदनी हुई है।
स्व निर्भर महिला राधा देवी से प्रेरित होकर गांव की अन्य महिलाएं भी समूह से जुड़कर खेती करने के लिए आगे आ रही है। झारखंड का पठारी क्षेत्र होने के कारण यहां टपक सिंचाई व नई तकनीक सब्जी के बंपर पैदावार में सफल हो रही है।
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