एस.पी.सक्सेना/गिरिडीह (झारखंड)। जैन श्वेताम्बर सोसायटी (Jain Swetamber Society) के तत्वावधान में 8 सितंबर को संवेत शिखर पारसनाथ महातीर्थ के प्रांगण में भगवान महावीर जन्मकल्याक उत्सव का आयोजन किया गया।
उक्त जानकारी देते हुए सोसायटी के मीडिया प्रभारी हरीश दोशी उर्फ राजू भाई ने बताया कि पर्वाधिराज पर्युषण महापवाराधना परम पूज्य आचार्यश्री जिनमणिप्रभ सुरिश्वजी महाराजा की आज्ञानुवर्तिनी परम यूगणिनी सुलोचनाश्री महाराज साहेब की विदूषी सुशिष्या परम पूज्यनीया डॉ. प्रियवंदनाश्री जी महाराज ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए बताया कि भगवान महावीर के 87 भव शक्रस्तव इन्द्रदेव ने भी अभिवंदना की है।
यह हरिणगमेषी देव प्रभु द्वारा गर्भपहार, माता त्रिशला द्वारा 14 स्वप्नों का दर्शन, स्वप्न पाठक फल पंडितजी द्वारा वर्णनादि पहलु पर विवेचन किया गया है। साध्वी प्रियस्मिताश्री जी महाराज ने भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव पर प्रकाश डाला।
साध्वी डॉ प्रियलताश्री ने अपने संबोधन में बताया कि परमात्मा भगवान महावीर के जन्म कल्याणक अवसर पर 56 दिक्कुमारियों का आगमन हुआ। इन्द्रासन कंपायमान हुआ। मेरु पर्वत पर करोड़ो देव देवियों ने अभिषेक द्वारा उत्सव मनाया। 9 लोकान्तिक देवों का आगमन जय नंदा भदा के साथ हुआ।
भगवान महावीर के माता-पिता सिद्धार्थ महाराजा त्रिशला महारानी, मंत्रीश्वर, छड़ीदार प्रियंवददासी, राजज्य उनकी शिप्य मंडली एवं 14 महास्वान नृत्य द्वारा संस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।
पूरी धनरूपचंदजी कान्ताजी, कमलचंदानी, प्रीत, गर्वित, मेघना, काजल अजय बोधरा, हर्ष, अभयकुमार आदि ने कार्यक्रम में संगीतकार विजयभाई बनवटू ने धुम मचाई। मौके पर मीडिया प्रभारी राजू भाई के साथ टाटा नगरी निवासी अजय जैन आदि जैन श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
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