एस.पी.सक्सेना/देवघर (झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar district Deputy Commissioner Manjunath Bhajantri) की पहल के बाद पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जिला, प्रखंड, पंचयात स्तर के अधिकारियों, आदि।
कर्मचारियों द्वारा 5 सितंबर को अपने खानपान में दोना-पत्तल से बने प्लेट-कटोरी आदि का इस्तेमाल किया गया, ताकि एक सकारात्मक सोच के साथ सभी की जनभागीदारी इसमें सुनिश्चित की जा सके।
उपायुक्त भजंत्री ने इस सकारात्मक पहल में सहयोग को लेकर सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का आभार प्रकट करते हुए स्वयं भी इस कड़ी से अपने आप को जोड़ते हुए पत्तो से बने दोना, प्लेट और कटोरी में भोजन कर प्लास्टिक मुक्त समाज बनाने की दिशा में गो-ग्रीन का संदेश जिलावासियों को दिया।
इस अवसर पर आत्मनिर्भर समाज और अपने पुराने जीवनशैली को अपनाने की अपील करते हुए उपायुक्त ने कहा कि कोई समय था जब शादी या किसी समारोह में विभिन्न प्रकार के पेड़ों के पत्तों से बनने वाले दोना-पत्तल का प्रयोग खाना परोसने के लिए किया जाता था।
पिछले कुछ दशकों से इनका प्रचलन लगभग समाप्त हो गया है। कारण कुछ भी रहा हो, लेकिन इनका स्थान थर्माकोल और प्लास्टिक से बनने वाले दोना-पत्तलों ने ले लिया।
उन्होंने कहा कि आज के समय में थर्मोकोल से बने सामान होने वाली अनेक बीमारियों का मुख्य कारण है। ऐसे में आवश्यक है कि ईको फ्रेंडली कॉन्सेेप्ट की दिशा में सभी लोग पत्तों से बने दोने-पत्तलों का उपयोग कर इस दिशा में दूसरों को सोचने के लिए जागरूक करें।
उपायुक्त भजंत्री द्वारा जानकारी दी गई कि देवघर जिला के हद में कई स्थानों पर थर्माकोल से बने सामानों के प्रतिबंध लगाने से बाजार में फिर पेड़ के पत्तों से बने दोने-पत्तलों की मांग बढ़ी रही है। इससे कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
साथ ही इस दिशा में पुराने जमाने के कॉन्सेप्ट को अपडेट वर्जन के साथ *#DeogharMart* से भी जोड़ा गया है, जो बिजनेस भी बढ़ाएगा और लोगों को रोजगार भी देगा। वही दूसरी ओर विभिन्न प्रखंडो में महिला समूहों द्वारा पत्ते से दोना-पत्तल बनाने के कार्य को गति देने में सहयोग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पेड़ के पत्तों से बने दोना-पत्तल में भोजन करना स्वास्थ्य के लिए तो फायदेमंद है ही, साथ ही यह पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता हैं, जबकि प्लास्टिक और थर्माकोल के प्लेट, कटोरी हमारे शरीर और पर्यावरण के लिए अत्यंत हानिकारक है।
वही दूसरी ओर थर्माकोल को नष्ट करना नामुमकिन है। इनमें आग लगाने से कई गंभीर बीमारियों के अलावा कैंसर कारक हानिकारक गैस निकलती हैं। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसे में स्वच्छ सुंदर व स्वस्थ्य देवघर बनाने में जिले के सभी लोगों का सहयोग जिला प्रशासन को आपेक्षित हैं।
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