बच्चों को सक्षम बनाने से ड्रॉपआउट की संख्या में आएगी कमी-उपायुक्त
एस.पी.सक्सेना/देवघर (झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar district deputy commissioner Manjunath Bhajantri) की अध्यक्षता में 2 सितंबर को जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन जसीडीह स्थित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के सभागर में आयोजित किया गया।
इस दौरान समिति के सदस्यों को एफएलएन मिशन के तहत गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा किए जाने वाले कार्यो के संबंध में पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई।
बैठक में उपायुक्त भजंत्री द्वारा निपुण भारत अभियान (नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी) के सफल संचालन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ स्कूलों में सक्षम वातावरण तैयार करने की बात कही गयी।
जिसके माध्यम से आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के ज्ञान को छात्रों को प्रदान किया जा सके। मौके पर उन्होंने कहा कि निपुण योजना के माध्यम से प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कक्षा एक से तीन के छात्रों में आगामी 5 वर्षों में फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्युमेरसी में शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब बच्चों को गांव में, पेड़ की छांव में बैठाकर खेल-खेल में पढ़ाया जाता था।
उन्हें गिनती और पहाड़ा यानि टेबल्स याद करवाए जाते थे। बच्चों को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से विकसित करने में पूरे गांव का योगदान होता था। जैसे-जैसे समय बीता और टेक्नोलॉजी आयी वैसे वैसे बच्चों की शिक्षा फोन-लैपटॉप तक आ पहुंची।
उपायुक्त ने कहा कि पिछले कुछ साल से बच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं।
ऐसे में निपुण भारत अभियान की शुरुआत का उद्देश्य भी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लिए बच्चों को एक सुलभ वातावरण प्रदान करना है, ताकि हर बच्चा कक्षा तीन तक पढ़ाई, लिखाई और अंकों के ज्ञान में जरूरी निपुणता हासिल कर सके।
समीक्षा के क्रम में उपायुक्त भजंत्री ने अभियान की सफलता को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिला, प्रखंड एवं विद्यालय स्तर पर प्रभावी कार्ययोजना का निर्माण करे तथा समयबद्ध तरीके से कार्यक्रम के संचालन हेतु रणनीति का निर्माण करें, ताकि अभियान का लाभ बच्चों को मिल सके।
उपायुक्त ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक शर्त है, कि उसका प्रत्येक स्तर पर अनुश्रवण व अनुपालन निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत हो। इसलिए जिला, प्रखंड व विद्यालय स्तरीय समिति का सक्रिय होकर कार्य करने की आवश्यकता है।
जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि निपुण भारत के तहत बच्चों की प्रोग्रेस को ट्रैक किया जायेगा। इससे बच्चों की ताकत, जरूरतों, रुचियों और वरीयताओं को पहचान मिलेगी।
साथ हीं बच्चों के प्रदर्शन को मजबूती मिलेगी और हस्तक्षेपों के माध्यमों से उन्हें सहारा दिया जायेगा। साथ ही मुद्दों और चिंताओं को हल करने के लिए सहयोग के साथ इससे सीखने की कमियों और सीखने की कठिनाइयों की शीघ्र पहचान हो पायेगी।
उपायुक्त ने निपुण भारत अभियान को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि मिशन मोड में आपसी सहयोग के साथ सभी को कार्य करने की आवश्यकता हैं। कहते हैं कि बच्चों की मूलभूत शिक्षा में सुधार के लिए एक सफल मिशन की परिकल्पना संस्थानों, शिक्षकों, माता-पिता, समुदाय, स्थानीय निकायों आदि की सक्रिय भूमिका के बिना नहीं की जा सकती।
इसलिए निपुण भारत मिशन शुरू किया गया है। इससे बच्चे तेजी से सीखने के पथ पर अग्रसर होंगे जिससे बाद के जीवन परिणामों और रोजगार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस दौरान सिविल सर्जन डॉ सी.के शाही, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी , जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, पिरामल फाउंडेशन के सुजीत त्रिवेदी, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, क्षेत्रीय शिक्षा पदाधिकारी, बीपीओ एवं संबंधित अधिकारिगण उपस्थित थे।
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