आदर्श थाने का मुंशी वसूलते हैं पैसा, सिपाही बनवाता है वीडियो

कोरोना के नाम पर हफ्ता वसूली का खेल

दीपक कुमार/पटना (बिहार)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief minister Nitish Kumar) कहते है कि बिहार में सुशासन है।

देखिए सुशासन बाबू राजधानी पटना के आदर्श थाने का खेल अब गांधी मैदान थाना के एक सिपाही ही अपने थाने में पदस्थापित मुंशी दीपक कुमार का वीडियो बनवाते है।

सबसे बड़ी बात यह कि इस वीडियो में ऑटो पार्ट्स दुकानदार सुनील कुमार बता रहा है। दूसरा गांधी मैदान थाना का सिपाही अविनाश कुमार उनसे इस पूरे मामले पर पूछ ताछ कर रहे है।
अब आपको पूरा मामला बता रहे है।

क्या हो रहा है गांधी मैदान थाना में। एक वायरल वीडियो ने खोली थाने मे पद स्थापित मुंशी की पोल। दरअसल यह मामला पटना के गांधी मैदान थाना के हद में आर के भट्टाचार्य रोड स्थित बंसल टावर का है।

जहां सुनील ऑटो पार्टस के मालिक सुनील कुमार का कहना है कि इस बार जब लॉक डाउन लगा तो अनलॉक के तहत दुकानों को सरकार द्वारा निर्देशित दिन को खोलने की इजाजत थी। पर 10 हज़ार की रकम को हर 10 दिन पर गांधी मैदान के मुंशी दीपक कुमार को भेजते रहने से उन्हें प्रतिदिन दुकान खोलने की अनुमति मिल जाया करती थी।

यानी महज़ 10 हज़ार की रकम हर 10 दिन पर अर्थात 30 हज़ार महीना मुंशी दीपक कुमार को देकर धड़ल्ले से दुकानदार सुनील कुमार सरकार के बनाये कानून की धज्जियाँ उड़ा रहे थे। वायरल वीडियो में पूछ ताछ गांधी मैदान का सिपाही अविनाश कुमार कर रहा है।

वीडियो में दुकानदार सुनील कुमार बताते हैं कि मुंशी दीपक कुमार से मिलवाने वाला कोई लालबाबू नामक सख्स था। पहली किस्त लाल बाबू के हांथ से 15 हजार रुपया दिया गया। जब गांधी मैदान थाना के मुंशी दीपक कुमार ने दुकानदार सुनील कुमार से पूछा कि लाल बाबू को कितना रुपया दिया गया।

सुनील कुमार ने 15 हजार देने की बात बताई। मुंशी दीपक ने दुकान के मालिक सुनील से कहा कि आप लाल बाबू को बीच से हटा दीजिए और डायरेक्ट मुझे 10 हजार दे दिया कीजिए। आपको कोई दिक्कत नहीं होगी।

और उसके बाद लगातार दो किस्त गांधी मैदान थाना के मुंशी दीपक को दिया गया। (वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि सुनील जिसका दुकान बंसल टावर में है, वह साफ तौर पर कबूलते हुए यह कह रहे हैं कि हमने 10 हजार रुपया प्रति 10 दिन पर मुंशी दीपक को देकर दुकान खुला रखा था)।

मामला तब उल्टा पड़ गया जब अचानक बंसल टावर में प्रशासन की छापेमारी पड़ गई। दुकानदार सुनील बताते हैं कि जिस दिन छापेमारी हुई उसके दुकान से कुछ स्टाफ को पकड़कर गांधी मैदान थाने लाया जाया गया उस दिन जब सुनील अपने आदमियों को छुड़ाने के लिए गांधी मैदान थाना पर पहुंचा तो मुंशी उसके साथ बदसलूकी की और पहचानने से भी इंकार कर दिया।

सुनील के अनुसार जिस वक्त मुंशी को पैसा दिया करता था उससे बहुत अच्छा संपर्क रहा पर उस दिन थाने में जो सलूक किया उससे उसका दिल टूट गया। सुनील के अनुसार मैंने पूरे लॉकडाउन में 30 हजार रुपया बतौर नजराना दिया था। इसका फायदा भी गांधी मैदान थाना के मुंशी दीपक ने दिया।

जिसके बाद उसने पूरे एक महीना प्रतिदिन अपने दुकान को खोला। यानी रविवार से लेकर शनिवार तक लगातार अपनी दुकान को खोला। मुंशी ने वादा किया था कि कोई कुछ नहीं करेगा। आख़िरकार छापा पड़ ही गया। उस दिन से वह अपने दुकान पर ताला मार दिया है। अभी तक उसकी दुकान बंद पड़ी है।

सूत्रो से ये भी पता चल रहा है कि जब सुनील पार्ट्स के तीन स्टाफ पकड़ाकर थाना गए वह भी मैनेज उपर से कर लिया गया। ये बात थाना के मुंशी बताएंगे। आखिर ये लोग जब पकड़ाया तो थाना के कौन अधिकारी स्टाफ को छोड़ दिया? यह जांच का विषय है।

वीडियो में साफ पता चलता है कि लॉकडाउन के नाम पर भी गांधी मैदान पुलिस ने धंधे वालों से अपना धंधा जारी रखा। अगर थाने की बात की जाए तो ऐसे लोगों ने इस कोरोना महामारी में थाने में पदस्थापित होते हुए अपना एक अलग व्यवसाय खड़ा कर लिया। जिसे हफ्ता वसूली कहते हैं।

कहते हैं कि चोरी करने वाले से ज्यादा बड़ा गुनहगार चोरी करवाने वाला होता है। इस मामले में दुकानदार सुनील कुमार के यहां पुलिस छापेमारी पर चुकी है। गौर फरमाया जाए तो सुनील को दुकान खोलने के लिए गांधी मैदान थाना के मुंशी दीपक कुमार ने उकसाया था और फुल प्रोटेक्शन का वादा करते हुए यह अपराध दुकानदार से करवाया गया था।

अब देखना यह होगा कि वायरल वीडियो को देखने के बाद पुलिस के वरीय पदाधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं? गांधी मैदान थाना के हद में ना जाने कितने तरह का खेल खेला जा रहा है। बहुत जल्द इन सभी मामलों से पर्दा उठाते हुए सच सामने आएगा। हालांकि जगत प्रहरी वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है पर यह जांच का विषय है।

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