सीसीएल की प्रायः सभी खदानों में उत्पादन ठप्प
नंद कुमार सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में बेरमो कोयलांचल में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश के कारण बाढ़ सा नजारा देखने को मिल रहा है।
बीते 29 जुलाई की शाम से तो भारी बारिश थमने का नाम ही नहीं ले रही है। इससे बेरमो कोयलांचल और इसके आस-पास के क्षेत्रों में जल-जमाव के कारण हाहाकार मच गया है।
जानकारी के अनुसार यहाँ के निचले इलाकों में स्थित हजारों घरों में एक से तीन फीट कर पानी जमा है। भारी बर्षा से कोयला उद्योग पर जबरदस्त असर पड़ा है। सीसीएल की बीएंडके, ढोरी और कथारा एरिया के कोयला खदानों में उत्पादन ठप है।
स्वांग गोबिंदपुर जीरो प्वांइट से परियोजना का संपर्क कट गया है। जल-जमाव के कारण खदानों में किसी भी तरह के हादसे से निपटने के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। कोयलांचल में बहने वाली दामोदर, बोकारो तथा कोनार नदी जबरदस्त उफान मार रही हैं।
कोयला उत्पादन पर जबरदस्त असर
लगातार भारी बारिश के कारण कोयला उद्योग में उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है। भारी बारिश के कारण उत्पादन का ग्राफ गिर गया है। कोल इंडिया प्रबंधन ने एहतियातन हाई अलर्ट जारी किया है।
सभी कोयला कंपनियों का कंट्रोल रूम हाई अलर्ट पर है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि स्थिति को देखकर ही कर्मचारियों के साथ भूमिगत खदान में उतरें। जबकि खुली खदान परियोजनाओं में बड़े वाहनों के ले जाने पर रोक लगा दी गई है।
जानकारी के अनुसार बेरमो कोयलांचल के करगली गेट स्थित दामोदर नदी का जल स्तर बीते 30 जुलाई की रात से ही बढ़ रहा है। क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप्प है। जिससे जल भंडारण प्रभावित हो गया और आसपास के क्षेत्र में जलापूर्ति प्रभावित हो गई है।
ढोरी, बीएंडके और कथारा एरिया सहित फुसरों नगर परिषद के इंटेकवेल के सभी मोटर डूब चुके हैं। कर्मियों ने मोटर बचाने के लिए मशीनों की मदद से बाहर निकाल लिया है।
बीएंडके जीएम एम के राव ने 31 जुलाई को कहा कि 30 जुलाई को 6 रेक के बजाए मात्र दो रेक कोयला का डिस्पैच हुआ। कोयला उत्पादन भी काफी प्रभावित हुआ। भारी बारिश के कारण 31 जुलाई को भी कोयला उत्पादन प्रभावित है।
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