मुश्ताक खान/मुंबई। कोरोनाकाल में जहां लोग पैसे पैसे को मोहताज हैं वहीं मनपा में नगरसेवक से विधायक बने पराग शाह, रईस शेख और दिलीप लांडे अब भी मनपा प्रशासन (Municipal Corporation) सेे नगरसेवक का मानदेय वसूल रहे हैं।
कहावत है की नोट कि भूख कभी खत्म नहीं होती। कुछ ऐसा ही इन नगरसेवकों में भी देखा जा रहा है। इस दौर में जनता को ऐसे शीर्ष नेताओं से उम्मीद नहीं थी। यह जानकारी मनपा सचिव विभाग से आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी गई है।
आरटीआई (RTI) कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा सचिव कार्यालय से जानकारी मांगी थी कि वर्तमान में विधायक और सांसद बन चुके नगरसेवक का नाम, वेतन और भत्ते का खुलासा करे।
इस पर मनपा सचिव ने अनिल गलगली को बताया कि सांसद मनोज कोटक व विधायक रमेश कोरगांवकर मानदेय नहीं ले रहे हैं। वहीं विधायक रईस शेख, पराग शाह और दिलीप लांडे 25000/-रू मानदेय एवं ऐसी चार बैठकों के लिए 150/-रू भत्ता अब भी ले रहे हैं।
गलगली के मुताबिक जो नगरसेवक विधायक और सांसद बन चुके हैं, उन्हें राजनीतिक दलों द्वारा उनके नगरसेवक पद से इस्तीफा दिलाना चाहिए था। लेकिन दुर्भाग्य से किसी भी राजनीतिक दल ने फैसला नहीं लिया है। ऐसे में न्यूनतम मानदेय न लेने का निर्देश देना जरूरी है।
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