एन.के.सिंह/फुसरो (बोकारो)। आज के बदले परिवेश में श्रमिकों का शोषक साबित हो रहे हैं ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि (Trade union representative)। नब्बे के दशक के बाद से श्रमिक संगठनों की कार्य संस्कृति में क्रमिक ह्रास शुरू हो गया है।
स्व. बिंदेश्वरी दूबे, रामदास सिंह, मिथिलेश कुमार सिन्हा और शफीक खान के बाद यह गिरावट रफ्तार पकड़ चुकी है। रमेन्द्र कुमार के अलावा कोई सच्चा हितैषी नजर नहीं आता है। उपयुक्त बातें आरसीएमएस के केंद्रीय महामंत्री रामेश्वर सिंह फौजी ने 20 जुलाई को बोकारो जिला के हद में सीसीएल ढोरी क्षेत्र के चपरी गेस्ट हाउस में एक प्रेस वार्ता में कही।
फौजी ने कहा कि इंटक ने श्रमिकों का सर्वाधिक नुकसान किया है। श्रमिकों और प्रबंधन में सामंजस्य स्थापित कर राष्ट्र हित में काम करने के लिए गठित इंटक अपने सिद्धांत से भटक गया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कुछ नेता श्रमिक संगठन की आड़ में ट्रेड करने लगे हैं।
कोयला लिफ्टिंग, रैक लोडिंग, ठेका आदि से ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने लगे हैं ऐसे श्रमिक नेता। उन्होंने कहा कि पहले जिनके पास मोटरसाइकिल तक नहीं था, आज कई गाड़ीयों, बंगलो के मालिक बन बैठे हैं।
हजारों करोड़ की प्रॉपर्टी बना ली है।ऐसे में यहां के युवा बेरोजगारी और भुखमरी से परेशान उग्रवाद का दामन थाम लिया है। पैसे लेकर 9:4:3 आदि मामले में पैरवी करने के खुलासे के बाद कोलियरियों में नियोजन रुक गया है। उन्होंने कहा कि कथारा क्षेत्र से ऐसा मामला प्रकाश में आया था।
फौजी ने कहा कि वे भ्रष्टाचार को प्रमुखता से उजगार करते रहे हैं। हालांकि कई मामले में कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा कि यहां चिकित्सक अस्पताल से गायब रहते हैं और अपने आवास में फीस लेकर प्रैक्टिस करते हैं। इस मामले को उच्च पदाधिकारियों एवं सतर्कता विभाग को संज्ञान में लाकर कार्रवाई करवाया गया है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा है। इंटक विवाद में फैसला उनके पक्ष में आएगा। यह आशा है। इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष अनिल सिंह और महासचिव रामेश्वर सिंह फौजी को माल्यार्पण कर स्थानीय श्रमिकों एवं प्रतिनिधियों ने स्वागत किया।
मौके पर बेरमो कोयलांचल प्रभारी प्रकाश कुमार, ढोरी क्षेत्रीय सचिव राजेश अखोरी, कल्याणी शाखा सचिव प्रवीण कुमार, अध्यक्ष गणपत महतो सहित मंगल नोनिया, राजेंद्र नोनिया, छोटेलाल, बेनी महतो, श्यामलाल, अख्तर अंसारी, अशोक सिंह, लल्लन चौहान, बैकुंठ कुमार, राजेंद्र कुमार आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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