एस.पी.सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड (Jharkhand) में वरीय अधिकारीयों का दौर जैसे थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एकबार फिर आईएएस ऑफिसर राजेश्वरी बी के (IEAS Officer Rajeshwari B.K) नाम की खूब चर्चा हो रही है। चर्चा की वजह उनका तबादला है। 48 घंटे के अंदर आईएएस अधिकारी राजेश्वरी बी का दो बार ट्रांसफर कर दिया गया। फिलहाल उन्हें मनरेगा आयुक्त बनाया गया है।
प्रशासनिक हल्कों में यह सवाल किए जा रहे हैं, कि कैसे किसी भी अधिकारी का 48 घंटे में दो बार तबादला हो सकता है? ज्ञात हो कि बीते 5 जुलाई की शाम तक वह डीसी थीं। 5 जुलाई की शाम उनका तबादला हो गया। उन्हें झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन सोसायटी का मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बना दिया गया।
इस आदेश के महज 48 घंटे के भीतर यानी 7 जुलाई की शाम कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में राजेश्वरी बी के पूर्व स्थांतरण आदेश को शिथिल करते हुए उन्हें मनरेगा आयुक्त बना दिया गया।
इसी तरह 2014 बैच के आईएएस अधिकारी वरुण रंजन को मनरेगा आयुक्त बनाया गया था। 5 जुलाई को उन्हें पाकुड़ का उपायुक्त बना दिया गया। आपको बता दें कि कोरोना काल में झारखंड की ग्रामीण व्यवस्था को संभालने में मनरेगा योजनाओं की अहम भूमिका रही है।
इस पद पर वरुण रंजन के आने से पहले भारतीय वन सेवा के सिद्धार्थ त्रिपाठी यहां सेवारत थे। त्रिपाठी ऐसे पहले अधिकारी हैं जिन्होंने मनरेगा आयुक्त के पद पर सबसे लंबे समय तक सेवा दी है।
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