आदिवासियों को राज्य के सर्वांगीण विकास का हिस्सा बनने के लिए मानकों को तय करना प्राथमिकता-मुख्यमंत्री
एस.पी.सक्सेना/रांची(झारखंड)। झारखड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल को पुनः सक्रिय करने को लेकर 28 जून को वर्चुअल प्लेटफार्म पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीएम सोरेन ने कहा कि अगली बैठक में सभी सदस्यों की सहमति से कार्य योजना पर कार्य होगा।
राज्य को दिशा देने की कार्य योजना झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल के माध्यम से करेंगे। सरकार गठन के बाद टीएसी की यह पहली बैठक है। राज्य में टीएसी की नियमावली 20 वर्ष में नहीं बनी थी। वर्तमान सरकार ने नियमावली बनाई और विधिवत रूप से सभी सदस्यों का मनोनयन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों का विकास होगा।
तभी झारखंड राज्य को अग्रणी राज्य की श्रेणी में खड़ा किया जा सकता है। राज्य को अलग पहचान दिलाने के लिए आदिवासियों की भूमिका तय करनी होगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय के लिए बेहतर कार्य योजना तैयार करने में काउंसिल मददगार साबित होगा। झारखंड के 27 प्रतिशत आदिवासियों के लिए विशेष चिंतन मंथन करने की जरूरत है।
उनके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक पहलुओं को सुदृढ करना होगा। आदिवासियों को राज्य का सर्वांगीण विकास का हिस्सा बनाने के लिए कई मानकों को तय करना है। सभी सदस्यों का सुझाव इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमें मिलकर योजनाबद्ध तरीके से विकास की मुख्यधारा से आदिवासी समुदाय को जोड़ना है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि आदिवासियों को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की जरूरत है। बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। आदिवासियों के अस्तित्व में उनकी जमीन अहम है। बदलते समय के अनुरूप कार्य करने की आवश्यकता है। सीएम सोरेन ने कहा कि आदिवासियों की जनसंख्या में आ रही कमी को रोकना होगा।
इसके लिए ठोस उपाय की आवश्यकता है। आदिवासियों के हित में लंबित मुद्दों का निबटारा जल्द से जल्द करने को प्राथमिकता देनी होगी।
झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल के उपाध्यक्ष चम्पई सोरेन ने कहा कि हमें विभिन्न कानूनों के माध्यम से आदिवासियों को लाभ पहुंचाना होगा। सभी सदस्यों के सुझाव के अनुरूप अगली बैठक होगी। परिषद के मूल उद्देश्यों को धरातल में उतारेंगे। झारखंड और आदिवासी हित में कार्य होगा। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के 20 साल हो चुके हैं।
आदिवासी उत्थान, आदिवासियों की आर्थिक व्यवस्था, जनसंख्या की कमी का समाधान नहीं हुआ है। अब झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल के अंतर्गत सभी सुझाव प्राप्त कर प्रदेश में निवास करने वाले आदिवासियों के हित में कार्य करने का प्रयास किया जायेगा। बैठक में काउंसिल के सदस्य स्टीफन मरांडी, बंधु तिर्की, सीता सोरेन, दीपक बिरुवा, चमरा लिंडा, भूषण तिर्की, सुखराम उरांव, दशरथ गागराई, विकास कुमार मुंडा, नमन बिक्सल कोंगाडी, राजेश कच्छप, सोनाराम सिंकु एवं मनोनीत सदस्य विश्वनाथ सिंह सरदार और जमाल मुंडा ने अपनी बातों को बैठक के दौरान रखा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, परिषद के सदस्य सचिव अमिताभ कौशल मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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