वैक्सीनेशन वाहन प्रखंडो के निर्धारित स्थानों पर शिविर लगा कर रही है टीकाकरण-उपायुक्त
एस.पी.सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला उपायुक्त राजेश सिंह (Bokaro district deputy commissioner Rajesh singh) ने 27 जून को अपने कार्यालय कक्ष में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का तांडव देखने के बाद जिला प्रशासन संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुट गयी है। तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अभिभावकों का टीकाकरण कराया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि माता-पिता सुरक्षित रहेंगे तभी वे अपने बच्चों को भी सुरक्षित रख पाएंगे।
उन्होंने कहा कि जिले में टीकाकरण हेतु पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मी, दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्क और तीसरे चरण में 45 से अधिक उम्र वाले लोगों का टीकाकरण कराया गया। चौथे चरण की शुरुआत बीते 14 मई से की गयी है। इसमें 18 वर्ष से 44 वर्ष के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है।
उपायुक्त ने कहा कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन 18 वर्ष से अधिक उम्र के हर नागरिकों को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित कर रहा है। इसके लिए सभी प्रखंडो में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। शत प्रतिशत टीकाकरण को लेकर वैक्सीनेशन वाहन का परिचालन किया जा रहा है। जो हर प्रखंडो के निर्धारित स्थानो पर शिविर लगाकर टीकाकरण कर रही है।
उपायुक्त राजेश सिंह ने बताया कि जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों व अन्य स्थानों पर विशेष टीकाकरण शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जो प्रत्येक दिन अलग अलग क्षेत्रों में शिविर लगाती है। उक्त शिविरो में 27 जून को 45 वर्ष से ऊपर के कुल 845 लोगों को पहला एवं दूसरा डोज दिया गया। उन्होंने बताया कि बेरमो प्रखंड में 1110, चंदनकियारी प्रखंड में 110, चास प्रखंड में 630, गोमियां प्रखंड में 270, जरीडीह प्रखंड में 740, कसमार प्रखंड में 380, नावाडीह प्रखंड में 160, पेटरवार प्रखंड में 480 एवं महिला ट्रेनिंग सेंटर बोकारो में 2330 लोगो का यानि कुल 6210 लोगों का टीकाकरण किया गया है।
उपायुक्त सिंह ने कहा कि बच्चों के स्वस्थ रहने के लिए अभिभावकों का सुरक्षित होना बहुत जरूरी है। किसी कारणवश यदि बच्चे संक्रमित हुए तो उनकी देखरेख माता-पिता को ही करनी पड़ेगी, क्योंकि बच्चों को अकेले अस्पताल में रोक पाना संभव नहीं होगा। बच्चों की देखभाल के लिए अभिभावकों के संक्रमित होने का खतरा रहेगा। टीकाकरण हो जाने से उनके लिए खतरा कम हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर माता-पिता पहले से ही कोरोना प्रतिरक्षित होंगे, तब बच्चों को भी संक्रमण की गुंजाइश कम होगी। उन्होंने बताया कि टीकाकरण हो जाने के बाद शरीर में एंटीबॉडी बनने लगती है। इस स्थिति में जब अभिभावक प्रतिरक्षित हो जायेगे, तब उनमें तीसरी लहर आने के पहले एंटीबॉडी बन चुकी होगी। इससे उनके संक्रमित होने का खतरा नग्न हो जाएगा।
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