सत्ता में हो ओबीसी समाज की भागीदारी
मुश्ताक खान/ मुंबई। हाल ही में प्रगतिशील पिछड़ा वर्ग महासभा के केंद्रीय समिति की ऑनलाइन बैठक हुई। इस बैठक में यादव समाज, कूर्मि (पटेल) समाज, मौर्य-कुशवाहा-सैनी-माली समाज, राजभर समाज, गुप्ता समाज, विश्वकर्मा समाज, नाई – सविता समाज, प्रजापति समाज, चौरसिया के विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कयास लगाया जा रहा है की उत्तर भारतीय ओबीसी समाज एक बार फिर प्रगतिशील पिछड़ा वर्ग महासभा के मंच से जुड़ने लगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक में ओबीसी समाज की सत्ता में भागीदारी के विषय पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन महासभा के संयोजक व अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रीय महासभा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. यू पी सिंह ने किया। सिंह ने कहा की मुंबई शहर में उत्तर भारतीयों की जनसंख्या में 80 प्रतिशत ओबीसी समाज के लोग हैं, जो बिल्डिंग निर्माण से लेकर सड़कों पर खोंमचे लगाने का काम करते हैं। ऐसे में माना जाता है की यह समाज मुंबई की लाइफ लाइन में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा की उत्तर भारतीय ओबीसी समाज का राजनैतिक दोहन हुआ है। पहले कांग्रेस ने दोहन किया अब भाजपा कर रही है। सच्चिदानंद सिन्हा, सचिव-कुशवाहा, मौर्य, माली, सैनी प्रगतिशील फाउंडेशन ने कहा की चुनाव के समय राजनैतिक पार्टियों के द्वारा इस समाज को सपने दिखाए जाते हैं, सत्ता में आते ही ओबीसी को दरकिनार कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा की ओबीसी समाज जाति के नाम पर बिखरते थे अब जाग चुके हैं और एक मंच पर आ गए हैं। लिहाजा अब राजनैतिक दल हमें सिर्फ अपना वोट बैंक न समझें । जितनी हमारी संख्या है उतनी भागीदारी देना होगा।
अहवेश यादव, महासचिव-ओबीसी सभा ने कहा की पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए कल्याणकारी योजना, आरक्षण आदि में सम्यक भागीदारी के लिए जातिगत जनगणना कराया जाना चाहिए।
एन के सिंह, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रीय महासभा ने कहा की आगामी मनपा चुनाव में अपने प्रतिनिधियों के लिए सघन जनसंपर्क व जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। विजय प्रकाश प्रजापति ने कहा की सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को खत्म करने का प्रयास किया जा चुका है। जिसे सफल नहीं होने दिया जायेगा।
डॉ. अमर बहादुर पटेल, अध्यक्ष कूर्मि क्षत्रीय महासभा, महाराष्ट्र प्रदेश ने कहा की ओबीसी को संख्या के अनुपात में सभी क्षेत्रों में अवसर और भागीदारी मिलनी चाहिए। बैठक में प्रवीण कटियार, एस. के. सिंह, पूर्व सदस्य-शिक्षण समिति मनपा, एस पी सिंह, गंगाराम विश्वकर्मा, सुनील दत्ता, लालमोहन सिंह, राम प्रवेश सिंह, सूर्य प्रकाश सिंह आदि ने अपने विचार रखे।
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