आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया किडनी रोगग्रस्त पवन प्रजापति

विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। गोमियां प्रखंड के हद में साड़म रहिवासी किडनी रोगग्रस्त पवन प्रजापति (Pavan Prajapati) आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया। पवन को बचाने के सामाजिक स्तर पर प्रयासों के बावजूद उसने 18 जून की रात्रि अंतिम सांस लेकर अपने चाहनेवालों को अलविदा कह गया।

जीने की चाह लिए ही जिंदगी की जंग हार गया साड़म का 21 वर्षीय किडनी रोग से ग्रसित पवन प्रजापति। 18 जून की देर रात उसने अपने घर में अंतिम सांसे ली। गोमियां प्रखंड (Gomian block) के हद में साड़म मड़ई टोला निवासी जगदीश प्रजापति का 21 वर्षीय पुत्र पवन प्रजापति बीते दो वर्षों से किडनी रोग से ग्रसित था। पिता ने अपने सामर्थ्य के अनुसार गोमियां, बोकारो, हजारीबाग एवं रांची के अस्पतालों में उसका इलाज कराया था।

पिता जगदीश प्रजापति के अनुसार उसके पुत्र पवन के एक किडनी में स्टोन था, जबकि दूसरा किडनी अपने सामान्य आकार से काफी छोटा था। कई जगह इलाज कराने के बावजूद उसके पुत्र की स्थिति दिनोंदिन खराब होता जा रहा था। पवन के दोस्त सौरव तिवारी, किशन कुमार, ओम बर्धन, कैलाश रजक आदि ने उसके अंदर जीने की इच्छा को जगाए रखा था। दोस्तों ने पवन के इलाज के लिए ट्विटर के माध्यम से सूबे के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से उसके समुचित इलाज कराने की गुहार भी लगाई थी, वहीं उन्होंने सोशल मीडिया में दो-तीन अकाउंट नंबर डालकर लोगो से मदद की गुहार भी लगाई थी। जिसमें लगभग 26000 रुपए जमा हो गए थे। जिसे उसके पिता को पवन के इलाज के लिए सौप दिया गया था।

अंततः बोकारो जिला प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए गोमियां बीडीओ कपिल कुमार को आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया था। बीडीओ ने भी इस दिशा में त्वरित पहल करते हुए कई आवश्यक दस्तावेज ऑन द स्पॉट तैयार कर पीड़ित परिवार को सौंप दिया था, एवं संबंधित अस्पताल से उसके किडनी ट्रांसप्लांट में होने वाले खर्च का स्टीमेट लाने को कहा था। वहीं गोमिया विधायक ने भी पीड़ित के इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से एक लाख रुपए सहयोग राशि देने की अनुशंसा कर दी थी। किडनी ट्रांसप्लांट में होने वाले खर्च के लिए जिला चिकित्सा पदाधिकारी को भी आवश्यक निर्देश दिया गया था। विडंबना देखिए की पवन के पिता ने जब अपने पुत्र की जान बचाने के लिए अपना एक किडनी देने को तैयार हुआ तो पिता-पुत्र का ब्लड ग्रुप आपस में मैच नहीं हुआ, जिससे पूरा परिवार मानसिक तनाव ग्रस्त हो गया। इधर पवन की जान बचाने के लिए किडनी डोनर के रूप में किसी फरिश्ते की तलाश हो ही रही थी कि तभी उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो जाने के कारण 18 जून को देर रात जीने की इच्छा लिए ही वह अपनी जिंदगी की जंग हार कर दुनिया से अलविदा हो गया। उसके असमय निधन से परिवार सहित पूरा क्षेत्र शोकाकुल है। उसके निधन पर पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह, निवर्तमान जिप सदस्य प्रकाशलाल सिंह, मिथलेश राम, विजय प्रसाद, धनेश्वर प्रसाद, राजकुमार प्रजापति आदि ने गहरा दु:ख प्रकट किया है।

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