संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। राज्य में सिस्टम के दुरुस्त होने के सरकार (Government) के दावों के बीच चौथे प्रहरियों ने अपनी सुरक्षा की डीजी (पी) एस के सिंघल से गुहार लगाई है। हालांकि एक खास यूनियन के शिष्टमंडल की तरफ से यह कदम उठाया गया है। इसका हाल में राज्य के पत्रकारों पर हुए कई हमलों से इसका संबंध रहा है।
बीते दिनों पत्रकारों के एक शिष्टमंडल के जरिए श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने यह पहल की है। जिसकी काफी चर्चा भी सुनी जा रही है। पत्रकारों का शिष्टमंडल बिहार के पुलिस महानिदेशक सिंघल से मिलकर अपने साथी पत्रकारों की सुरक्षा की गुहार लगाने पहुंचे थे। पत्रकारों में मुख्य रूप से कुमार निशांत, प्रेस छायाकार देवव्रत राय, राजकिशोर सिंह और अमित कुमार शामिल थे। शिष्टमंडल का नेतृत्व यूनियन के प्रदेश महासचिव एस एन श्याम ने किया।
जानकारी के अनुसार करीब आधे घंटे तक पुलिस महानिदेशक सिंघल यूनियन के शिष्टमंडल सदस्यों की बातों को गंभीरता से लिया। उन्होंने पत्रकारों को पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया। साथ ही डीजी (पी) ने यह भी आश्वासन दिया कि पत्रकारों पर झूठे मुकदमे दर्ज करने की जानकारी होने पर सख्त कारवाई संबंधित अधिकारीयों पर होगी। जबकि मीडियाकर्मियों पर होने वाले एफआईआर की गहनता से जांच के बाद ही दंडात्मक कारवाई की जाएगी। खास बात यह रही कि पत्रकारों को राज्य के एक विभाग के सबसे बड़े अधिकारी ने जो महत्व दिया और त्वरित भरोसा भी दिया। यह लोकतंत्र को मजबूत करने वाला विषय समझा जाना चाहिए। जैसा कि कुछ बुद्धिजीवियों के बीच चर्चा भी सुनी जा रही है। डीजीपी सिंघल ने चौथे प्रहरियों से कहा कि उनकी सुरक्षा को लेकर वे सजग है। वे स्वयं ऐसे मामलो की मॉनीटरिंग करेंगे। मालूम हो कि हाल के महीनों में राज्य में भी और दूसरे प्रदेशों में भी कई ऐसी घटनाएं हुई है, जिससे देश के चौथे स्तम्भ कहे गए मीडियाकर्मियों की भावनाएं आहत हुई है। इन्ही बातों से सीख लेते हुए साथियों के साथ यूनियन ने ऐसा कदम बढ़ाया है।
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