एक महीना और रहेगा महंगा
मुंबई। इन दिनों टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। बढे हुए दामों ने जेब का ‘जायका’ बिगाड़ दिया। सब्जी वाले इसकी वजह कुछ दिनों पहले हुए किसानों के आंदोलन को बता रहे हैं, तो इस व्यापार से जुड़े थोक व्यापारियों का मानना है कि मॉनसून में अक्सर सब्जियों की आवक कम होती है। इसकी वजह से दाम बढ़ जाते हैं। लगभग सभी जगह टमाटर के दाम औसतन 100 से 120 रुपये प्रति किलो के आस-पास थे। इसके अलावा फूलगोभी, हरी मटर, धनिया और तुरई के दाम भी बढ़ गए।
बीते दो वर्षों के दौरान कई राज्यों में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती की गई थी। इसके चलते दो वर्षों में किसानों से टमाटर के थोक खरीद दाम 2 रुपये से लेकर 5 या 6 रुपये प्रति किलो तक गिर गए थे। इस घाटे से सबक लेते हुए महाराष्ट्र व अन्य कई राज्यों के किसानों ने इस वर्ष टमाटर की बहुत कम फसल लगाई, जिसके कारण उत्पादन कम हुआ। इसका असर अब दिख रहा है।
वाशी मंडी के थोक व्यापारियों के मुताबिक शनिवार के दिन मंडी में करीब 550 से 600 ट्रक-टैंपो सब्जियों की आवक हुई। यह आवक औसत से करीब 100 से 150 वाहन अधिक है। रविवार को मंडी बंद रहने के बाद जब थोक बाजार सोमवार को खुलेगा, तब लगभग इतनी ही मात्रा में सब्जियों की आवक होगी। यह बंपर आवक सभी किस्म की सब्जियों के दाम कम करने में सहायक होगी। शनिवार के दिन थोक मंडी में आई सब्जियों का करीब 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा मुंबई महानगर क्षेत्र के समस्त खुदरा बाजारों में पहुंच जाएगा। इसके चलते मुंबई क्षेत्र के खुदरा बाजार में सब्जियों के दामों में 25 से 50 प्रतिशत तक की कमी आ जाएगी।
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