ऐतिहासिक,धार्मिक व पुरातात्विक पपौर का बौद्ध शोधार्थियों ने किया भ्रमण

के.के.सिंह/सिवान (बिहार)। सिवान जिला (Shivan district) मुख्यालय के तीन किलोमीटर पूरब पपौर गांव के आसपास का क्षेत्र पुरातत्विक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। क्षेत्र के रहिवासियों को इसकी महत्ता को समझ संरक्षित करने की जरूत है।
मुंबई से आये बौद्ध भिक्षुक दल बीते 6 जून को पपौर क्षेत्र का भ्रमण कर शोधकार्य व भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की। बौद्ध भिक्षु सह शोधार्थी सामनेर बोधिसत्व ने बताया कि पपौर के मटुक छापर गांव के पांडेय बाबा का स्थल काफी महत्वपूर्ण है, जहाँ गुप्त काल के दर्जनों पत्थर की मूर्तियां है। ठीक इसके दक्षिण दिशा में बहुत लंबा गुप्तकाल का ईंट का दीवार दिख रहा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि बड़का गांव में भी गुप्त काल के दर्जनों पत्थर की मूर्तियां मिली है। साथ हीं बड़का गांव में ही उड़िया बाबा के आश्रम से ठीक सटे पूरब खेत में जहाँ मिट्टी खोदकर गड्ढा बनाया गया है उसमें अनमोल पुरातात्विक साक्ष्य दिखाई दिया, जो सिवान जिला के इतिहास को नई दिशा देगा। आश्चर्य कि उस क्षेत्र के लोग उसकी महत्ता को नहीं समझ रहे है। उसे नष्ट कर रहे है। उस खेत में बहुत बड़ा बौद्ध कालीन इमारत है। बोधिसत्व ने बताया कि बड़का गांव के शिव मंदिर के पास भी प्राचीन मूर्तिया व दीवार है।
शोधार्थी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि पपौर ऐतिहासिक, धार्मिक व पुरातात्विक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। यह स्थल भगवान बुद्ध व भगवान महावीर के जीवन काल से सम्बंध रखता है। उन्होंने बताया कि इसकी प्राचीनता वर्ष 2015 में भारतीय पुरातत्व विभाग के परीक्षण उत्खनन से भी स्पष्ट हो जाता है। उन्होंने बताया कि
भंटा पोखर के श्यामपुर मंदिर के नींव के नीचे व बगल में मौर्य कालीन ईंट स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। भ्रमण दल में मुख्य रूप से सनील नागवंशी, रजनिश कुमार मौर्य, नवनीत श्रीवास्तव, कुशेश्वर नाथ तिवारी, गिरीश कुमार पांडेय, शिवम कुमार, सोना लाल बौद्ध, बीरेश कुशवाहा, विकास कुमार, विवेक, विनोद कुमार आदि शामिल थे।

 388 total views,  2 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *