प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। गोमियां से 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम तुलबुल के साप्ताहिक हाट में 5 जून को कृषि कानूनो की प्रतियां जलाकर क्षेत्र के किसानों ने विरोध जताया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य (State) कार्य समिति के सदस्य एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने कहा कि आदिकाल से भारत का इतिहास सहमति और लोकतंत्र का रहा है। तानाशाही का देश में कभी कोई जगह नहीं रही है। मनमानी और दमनकारी ढंग से शासन चलाने वालों को उसका परिणाम भुगतना पड़ा है। महमूद ने कहा कि भारत का किसान पिछले 6 माह से देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को बचाने के लिए आंदोलन कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को वर्तमान शासन के भरोसे यदि छोड़ दिया जाए, तो देश कंगाल और अल्प आय वाले देशवासी खाद्यान्नो के लिए मोहताज हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हिंदू- मुस्लिम, मंदिर -मस्जिद, शमशान – कब्रिस्तान, गौ मांस के विवादों में जनमानस को फंसाए रख कर देश के प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 7 सालों से न सिर्फ देश के संवैधानिक संस्थानों को बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून खत्म होने तक देश में आंदोलन चलता रहेगा। महमूद के संबोधन के बाद आवश्यक वस्तु अधिनियम 2020, कृषि उपज एवं वाणिज्य अधिनियम 2020 तथा कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवाओं पर करार अधिनियम 2020 की प्रतियो को नारों के साथ जलाया गया।
इस अवसर पर पार्टी के अंचल सचिव सोमर मांझी, राज्य परिषद सदस्य समीर कुमार हालदार, सहायक अंचल सचिव अनवर रफी एवं देवानंद प्रजापति, जिला परिषद सदस्य मुकुंद साव, गेंदों केवट के अलावा बद्री मुंडा, सुरेश प्रजापति, छोटे लाल प्रजापति, उर्मिला देवी, सहदेव मुंडा इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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