सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत कार्य चलाए-काशीनाथ

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। बोकारो जिले (Bokaro district) के पेटरवार प्रखंड के हद में चाँदो प्रखंड के निर्माण की जरूरत को इस कोरोना काल में बारह पंचायत के नागरिकों ने बड़ी शिद्दत के साथ महसुस किया है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत कार्य चलाए।
उक्त बातें 30 मई को चाँदो प्रखंड निर्माण समिति के अध्यक्ष काशीनाथ केवट (Director Kashinath) ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा है। उन्होंने समिति की एक वर्चुअल मीटिंग में बोलते हुये कहा कि पूरे झारखंड में नए प्रखंडों के सृजन को लेकर आवाजें उठ रही है। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान आए गैर-सरकारी संकल्पों में सबसे ज्यादा प्रश्न नए प्रखंडों और अनुमंडल बनाने से संबंधित शामिल थे। इस पर सरकार की ओर से मुख्यमंत्री ने स्वयं जवाब दिया और कहा था कि राज्य में नए प्रखंडों और अनुमंडलों की संख्या बढ़ाने पर राज्य सरकार खुद गंभीर है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो एक साल में राज्य की तस्वीर निखरती हुई दिखेगी। उन्होने कहा कि बीते साल सितंबर महीने में झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने चाँदो को प्रखंड बनाने के लिए पहल करने का यहां के निवासियों को आश्वासन भी दिया था।
समिति अध्यक्ष काशीनाथ ने कहा कि अब यहाँ की जनता प्रखंड निर्माण की घोषणा सुनने को पूरी तरह उत्सुक हैं। इसलिए अविलंब प्रखंड का निर्माण होना चाहिए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न दयनीय स्थिति को सुदृढ़ किया जा सके। कार्यकारी अध्यक्ष जनक प्रसाद भगत ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार के कार्यकाल में ही चाँदो को प्रखंड का दर्जा मिलने के आसार परिलक्षित है। अशोक कुमार मुर्मू ने कहा कि लॉकडाउन के माहौल खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर इस मसले को रखा जाएगा। समाजसेवी देवव्रत जयसवाल ने सरकार से माँग किया है कि गांवों में बेरोजगारी का दंश झेल रहे लोगों के लिए युद्धस्तर पर राहत कार्य किया जाय। चांदो पंचायत के मुखिया राजेंद्र नायक ने कहा कि चांदो भौगोलिक दृष्टिकोण से प्रखंड बन चुका है़। अब सिर्फ प्रशासनिक तौर पर सरकार द्वारा शीघ्र घोषणा करने की जरूरत है। पंसस कुलदीप सिंह, बहादुर महतो का कहना है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी गाँवों का अपेक्षित विकास नहीं होना एक त्रासदी से कम नही है। गाँवो में अस्पताल का भवन है तो डॉक्टर नहीं।आशीष पाल ने कहा कि गाँवो की व्यवस्था राम-भरोसे चल रही है। महिला नेत्री लक्ष्मी देवी ने कहा कि गाँवो में सीजनल बुखार खांसी से ग्रामीण पीड़ित हैं, लेकिन एक अच्छा चिकित्सक नही है। छोटे प्रेक्टिशनर के सहारे लोगों की जान बचाया जा रहा है। मौके पर अशोक कुमार मंडल, सतीश चंद्र रॉय, एकरामुद्दीन, तिलकधारी सिंह, कन्हाई प्रसाद जयसवाल, घनश्याम नायक, विरेंद्र करमाली, रविंद्र नायक आदि शामिल थे।

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